Pitru Paksha 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से प्रारंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या तक रहते हैं। इस साल पितृपक्ष 10 सितंबर 2022 से शुरू होकर 25 अक्टूबर 2022 तक रहेंगे। पितरों को हिंदू धर्म में देवतुल्य माना जाता है। पितृपक्ष (Pitru Paksha 2022) में तर्पण और श्राद्ध का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पिंड दान, श्राद्ध और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन कई बार लोग अनजाने में पितृपक्ष में कुछ ऐसे काम कर देते हैं, जिनसे पितृदोष लगता है। जानें पितृपक्ष में किन बातों का रखना चाहिए ध्यान- (Pitru Paksha 2022)
राजीव मेहरोत्रा चेयरमैन, अध्यक्ष शरद अग्रवाल, संगठन मंत्री बने राहुल जैन
जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन में ‘हिंदी सप्ताह समारोह ’ का आयोजन
राज्य सभा सांसद संजय सिंह का दिल्ली एलजी पर पलटवार
तहसील के पीछे बनने वाली मल्टीलेवल पार्किंग के लिए नजूल की भूमि आवंटित
पुराणों के अनुसार, पितृपक्ष के शुभ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान किसी नए काम की शुरुआत या नए कपड़े खरीदने की मनाही है।
हिंदू धर्म में पितृपक्ष (Pitru Paksha 2022) को पितरों का समय मानते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दौरान पुरुषों को बाल और दाढ़ी नहीं कटवाने चाहिए।
माना जाता है कि श्राद्ध करते समय लोहे का बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस दौरान अन्य धातु से बनें बर्तन या पत्तल का प्रयोग कर सकते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी न करें ये कार्य
रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज का DIGITAL INDIA फेल, T 20 MATCH की टिकट लाइन लगाकर लेनी होगी
फेक न्यूज लगवाने के बाद भी ROAD SAFETY WORLD SERIES T20 फेल, सचिन तेंदुलकर भी खफा
पितरों के नाराज होने के ये हैं संकेत, जान लें…
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन बना रहा अद्भुत संयोग, जान लें महत्व
मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान इत्र या परफ्यूम का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
हिंदू धर्म के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए। पितृपक्ष के दौरान दूसरों के घर का भोजन करना चाहिए।
पितृपक्ष (Pitru Paksha 2022) के आखिरी दिन यानी आश्विन माह की अमावस्या (Amavasya) के दिन सभी भूले बिसरे पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृदोष समाप्त होता है। जीवन में खुशहाली आती है।
कहते हैं कि पिंडदान (Pindadaan) के दौरान ब्राह्मण को चटाई या लकड़ी के आसान में ही बिठाना चाहिए। लोहे के आसन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
12 साल बाद बनने जा रहा है श्राद्ध पक्ष में ये अशुभ योग, जानिए…
जानें इस बार कौन से श्राद्ध एक ही तिथि पर होंगे
केस्को रोक नहीं पा रहा बिजली चोरी
इस नवरात्रि ‘हाथी’ पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानें
कहां और कैसे करें श्राद्ध, इन नियमों का पालन
पितरों का श्राद्ध करते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां