Pitru Paksha 2024: श्राद्ध पक्ष इस के दौरान तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ दोष से जुड़ी मुश्किलों का निवारण होता है। वहीं, इस अवधि के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना भी बहुत जरूरी होता है। Pitru Paksha 2024
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हालांकि कई बार लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, जो कि नहीं करना चाहिए। वहीं, इस दौरान (Pitru Paksha 2024) अगर किसी की मृत्यु होती है, तो इसका मतलब होता है, आइए इसके बारे में जानते हैं।
पितृ पक्ष में क्या न करें?
इस दौरान तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस अवधि में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दौरान नए कपड़े, सोना-चांदी, जेवर आदि नई चीजों को खरीदने से बचना चाहिए। इस समय में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए। इस काल में शराब और जुआ से भी दूर रहना चाहिए।
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क्या है पितृ पक्ष में हुई मृत्यु का मतलब?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान अगर किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो यह बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसे लोगों को बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है। साथ ही इन लोगों पर भगवान की कृपा होती है। इसके अलावा ऐसे लोगों के अंतिम संस्कार में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाता है और उसी नियम के साथ अंतिम संस्कार होता है, जैसे अन्य समय में होता है। यदि पितृ पक्ष में किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाए, तो उसका कभी भी घर पर तर्पण नहीं करना चाहिए।
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इसके लिए गया में जाकर उनका किसी जानकार पंडित से पिंडदान करवाना चाहिए, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सके और उनकी आत्मा को मुक्ति मिल सके।
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