विपक्षी एकता को झटका देने की तैयारी में…
राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को समर्थन तो दे दिया, लेकिन वह तीनों राज्यों के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं ले रही हैं. इतना नहीं बल्कि यूपी से कोई भी नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगा.
विपक्षी एकता को झटका देने की तैयारी में
बताया जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं करेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मायावती और अखिलेश यादव विपक्षी एकता को झटका देने की तैयारी में हैं. पहले शपथ ग्रहण समारोह जयपुर में होगा, उसके बाद भोपाल और रायपुर में होगा. यहां विपक्षी एकता का प्रदर्शन देखने को मिल सकता है, जैसा कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण में देखने को मिली थी.
नहीं बताई है कोई वजह
मायावती के अलावा टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शपथ ग्रहण समारोह में नहीं दिखेंगी. हालांकि, ममता बनर्जी ने कहा है कि वह पारिवारिक मजबूरियों के चलते शामिल नहीं हो पाएंगी, लेकिन उनकी तरफ से उनके प्रतिनिधि वहां मौजूद होंगे. पर मायावती और अखिलेश ने शामिल नहीं होने के लिए अभी तक कोई वजह नहीं बताई है.
इसके अलावा बाकी विपक्षी नेता चंद्र बाबू नायडू, फारूक अब्दुल्ला, शरद पवार और स्टालिन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की उम्मीद है. कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भी न्योता दिया है.
समारोह के लिए किया गया है आमंत्रित
बता दें, अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे जबकि कमलनाथ मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का जिम्मा संभालेंगे तो भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होंगे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तीनों शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समेत विपक्ष के कई अहम नेता समारोहों में शिरकत कर सकते हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, राजद नेता तेजस्वी यादव समारोहों में शिरकत करेंगे. वहीं एआईयूडीएफ नेता बदरुद्दीन अजमल, टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी और एलजेडी नेता शरद यादव समेत अन्य को समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है.