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लोकसभा में नया तीन तलाक बिल पेश , थरूर ने बताया…
लोकसभा में सोमवार को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 पेश किया गया जिसमें मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से संरक्षण देने के साथ ऐसे मामलों में दंड का भी प्रावधान किया गया है.
थरूर ने बताया असंवैधानिक
- शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते में कोई भी सरकारी कामकाज नहीं हो सका था ऐसे में दूसरे हफ्ते के पहले दिन ही लोकसभा में यह बिल पेश किया गया है.
- सदन में विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह विधेयक पेश किया. उन्होंने कहा कि तीन तलाक की कुरीति से मुस्लिम महिलाओं को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है.
- इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी धड़ल्ले से तीन तलाक दिया जा रहा था. इसके कारण मुस्लिम महिलाएं काफी परेशान थीं.
- यह विधेयक मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश 2018 की जगह लेगा. सदन में विधेयक पेश करने का विरोध करते हुए कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि तलाक को दंडनीय अपराध नहीं बनाया जा सकता है.
- यह वर्ग विशेष को ध्यान में रखकर लाया गया विधेयक है. इसमें इस मुद्दे से जुड़े वृहद आयाम को नजरंदाज किया गया है.
उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 के मुताबिक नहीं है और संसद ऐसे विधान को नहीं बना सकता है. वहीं,
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