RAHUL PANDEY
DELHI
गोरखपुर (GORAKHPUR) पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आयुष विश्वविद्यालय के बाद गोरखनाथ विश्वविद्यालय की भी सौगात दे दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने अपने हाथों से गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। अखबारों में राष्ट्रपति के आने को लेकर कई विज्ञापन सरकार की ओर से दिए गए हैं। इसके साथ ही कुछ व्यावसायिक विज्ञापनों में भी राष्ट्रपति की फोटो लगाई गई है। राष्ट्रपति और राज्यपाल की फोटो का धडल्ले से विज्ञापन के लिए इस्तेमाल किया गया है। इन विज्ञापनों के देखने के बाद भी प्रशासन मौन है। एक विज्ञापन में तो बिल्डर अपार्टमेंट की फोटों और रेट कार्ड के साथ राष्ट्रपति की फोटो लगाए हुए हैं। इससे यह प्रतीत कराने की कोशिश की जा रही है कि राष्ट्रपति रियल एस्टेट से कोई संबंध है। और इस विज्ञापन को देखकर लोग इसमें अधिक विश्वास दिखाएंगे।
इस संबंध में जानकारी की गई कि क्या कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति की फोटो अपने निजी कार्या और व्यवसाय के लिए इस्तेमाल कर सकता है। भारत के उपराष्ट्रपति के सूचना अधिकारी रहे बालाकृष्ण ने बताया कि कोई भी भारत के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीस, राज्यपाल की फोटो का इस्तेमाल अपने निजी या व्यवसाय की पूर्ति को लेकर नहीं कर सकता है। यानि की इनकी फोटो का इस्तेमाल विज्ञापन के उद्देश्य से नहीं किया जा सकता है। तो ऐसे कैसे इस तरह के विज्ञापन लगा दिए गए। गोरखपुर के अधिवक्ता संजीव पाण्डेय कहते हैं कि क्या प्रशासन ऐसे विज्ञापन छपाने वालों पर कोई कार्रवाई करेगा। वहीं जब इस संबंध में गोरखपुर डीएम के सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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दोषी पर जुर्माना लगाने का प्रावधान
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) की अधिवक्ता अनमोल गुप्ता बताती हैं कि ऐसा करना दंडिय अपराध की श्रेणी में आता है। कोई भी व्यक्ति या कंपनी किसी भी व्यक्ति के अनुमति के बिना उसकी फोटो का इस्तेमाल व्यवसायिक या अन्य किसी भी प्रकार के लिए नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि अखबार में छपे इस विज्ञापन में राष्टपति की फोटो का इस्तेमाल किया गया है। जो कि कानूनी तौर पर गलत है। प्रतीक और नाम अनुचित उपयोग की रोकथाम अधिनियम 1950 के अनुसार कोई भी व्यक्ति व्यावसायिक लाभ के उद्देश्य से किसी भी प्राधिकरण के नाम या फोटो का उपयोग नहीं करेगा। वहीं राष्टपति की फोटो का इस्तेमाल वाणिज्यिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया है। अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी फोटो इस प्रकार से प्रकाशित नहीं कर सकता है। एडवोकेट अनमोल गुप्ता बताती है कि ऐसा करने पर दोषी पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इस कानून को और सख्त बनाया जा रहा है।
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