कानपुर (KANPUR) में तेज धूप के कारण लोगों के आंखों के सूखेपन (dryness of eyes) की समस्याओं का अधिक सामना करना पड़ रहा है। पहले इन मरीजों की संख्या लगभग 5 प्रतिशत थी, लेकिन वर्तमान में यह संख्या 20 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। चिकित्सकों की मानें तो कोविड काल के बाद से लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसमें युवा भी शामिल है।
युवाओं की संख्या अधिक
नेत्र रोग विभाग (Department of Ophthalmology) की प्रोफेसर डॉ. शालिनी मोहन (Dr Shalini Mohan) ने बताया कि यह समस्या पहले 50 साल के ऊपर वालों में होती थी लेकिन इन दिनों यह समस्या 18 साल से लेकर 33 साल के युवाओं में अधिक देखने को मिल रही है। वहीं, फीमेल की बात करें तो 50 साल से अधिक महिलाओं में यह समस्या ज्यादा है। युवा अपना अत्याधिक समय मोबाइल और लैपटॉप पर दे रहे हैं। इसकी वजह से उनमें भी अब यह समस्या आ गई है।
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रोजाना 10% मरीज आते हैं सूखेपन के
GSVM मेडिकल कॉलेज में इन दिनों नेत्र रोग विभाग ओपीडी में रोजाना लगभग 300 मरीज आ रहे हैं। इनमें से लगभग 30 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें आंखों में सूखेपन (dryness of eyes) की शिकायत है। कोविड काल से पहले यह मरीज तीन से चार आया करते थे। कोविड के बाद इनकी संख्या बढ़कर करीब 10-12 पहुंच गई, लेकिन जब से गर्मी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू किया है तब से इन मरीजों की संख्या बढ़कर 25 से 30 के करीब आ गई है।
गर्मी का भी दिख रहा असर
डॉ. शालिनी मोहन (Dr Shalini Mohan)ने बताया कि जब कभी तेज धूप या फिर अत्याधिक सर्दी पड़ती है तब यह समस्या लोगों में अधिक होने लगती है, जबसे गर्मी बढ़ी है तब से मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। तेज धूप में निकलने से आंखों में बड़ा प्रभाव पड़ता है।
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शुरुआती लक्षण
सबसे पहले आपको आंखों में गर्म पन महसूस होगा। इसके बाद हल्की हल्की चुभन होगी, जब आप सोकर उठते हैं तो ऊपर नीचे की दोनों पलकें आपस में चिपक जाती हैं। यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो आंखों के चारों तरफ दर्द और सिर में दर्द होना शुरू हो जाता है। इसलिए शुरुआती लक्षण में डॉक्टरों की परामर्श ले लेनी चाहिए।
बचने के उपाय
डॉ. शालिनी मोहन (Dr Shalini Mohan) ने बताया कि यदि आपको धूप में निकलना है तो काला चश्मा लगाकर निकले। बाहर से आने के बाद ठंडे पानी से आंखों को धोएं। मोबाइल का उपयोग कम से कम करें। कुछ काम करना है तो बड़ी स्क्रीन पर काम करें। काम करते समय 20-20 वाला फार्मूला अपनाएं। 20 मिनट स्क्रीन पर काम करें और 20 मिनट आंखों को रेस्ट दे। डॉक्टरों की परामर्श लेकर आंखों में ड्रॉप जरूर डालें। इससे आपकी आंखें हमेशा स्वस्थ बनी रहेंगी।
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