Purnima 2024 : उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर में आश्विन माह की पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024) के दिन अधिक संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन के लिए पहुँचते हैं, क्योंकि शरद पूर्णिमा के दिन बांके बिहारी (Banke Bihari) भक्तों को वर्ष में एक बार ही बंसी धारण कर दर्शन देते हैं। Purnima 2024
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इस दिन मंदिर में अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। चलिए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी बांके बिहारी के रोचक तथ्यों के बारे में।
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इस तरह देते हैं दर्शन
हर साल शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर रात में चंद्रमा की धवल चांदनी के प्रकाश में श्रद्धालुओं को बांके बिहारी बंसी बजाते हुए दर्शन देते हैं। इस दौरान प्रभु महारास की मुद्रा में होते हैं। सालभर में शरद पूर्णिमा के दिन ही बांके बिहारी बंसी धारण कर दर्शन देते हैं। इस दौरान मंदिर में खास रौनक देखने को मिलती है।
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क्या है मान्यता
धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसी वजह से भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात्रि को वंशीवट पर गोपियों के संग महारास किया था। ऐसा माना जाता है कि तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई और शरद पूर्णिमा की रात को बांके बिहारी (Banke Bihari Temple Significance) को चंद्रमा की रोशनी में विराजमान किया जाता है। साथ ही उन्हें खीर समेत आदि चीजों का भोग अर्पित किया जाता है।
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विशेष श्रृंगार
इस दिन ठाकुर जी कटि-काछनी, मोर मुकुट और सोलह श्रृंगार में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।
टाइमिंग
शरद पूर्णिमा के दिन बांके बिहारी मंदिर सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर खुलेगा और दोपहर में मंदिर 01 बजे बंद होगा। वहीं, शाम को 05 बजकर 30 मिनट से लेकर 10 बजकर 30 मिनट तक भक्त बांके बिहारी के दर्शन कर सकते हैं।
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