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#SupremeCourt का केंद्र से सवाल, जिनके पास #Aadhaar नहीं उनका क्या?
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#SupremeCourt ने #Aadhaar कार्ड मामले पर केंद्र और राज्य सरकारों को पूछा कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है क्या वे सरकार के लिए अस्तित्व नहीं रखते। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बैंच ने यह टिप्पणी की। बैंच को बताया गया था कि रैन बसेरों में प्रवेश के लिए आधार कार्ड मांगा गया है।
उनका क्या जिनके पास आधार नहीं
- कोर्ट में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि रैन बसेरों में रात गुजारने के लिए लोगों को पहचान पत्र तो रखना होगा और और सामान्य तौर पर उन्हें आधार कार्ड दिखाने को कहा जाता है।
- इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव और एडिशिनल सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, ‘उनका क्या जिनके पास आधार नहीं, क्या वे भारत सरकार के लिए मायने नहीं रखते।’ तुषार मेहता ने सफाई दी कि वह यू.आई.ए.डी.आई. की ओर से पेश नहीं हुए हैं।
- वे इस मामले में कुछ राज्य सरकारों की ओर से पेश हुए हैं इसलिए आधार पर नहीं बोल सकते। इस पर बैंच ने मुख्य सचिव से सवाल किया कि क्या उन्हें पता है अभी तक आधार के लिए कितने एनरॉलमेंट हुए हैं।
- प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार के दावे के अनुसार 90 करोड़ से ज्यादा लोग आधार कार्ड बना चुके हैं। इस पर बैंच ने पूछा, ‘तो ये लोग (रैन बसेरे में रहने वाले) बिना पते के आधार कैसे बनवा पाएंगे।
- अभी सर्दियां हैं, सोचिए किसी को घर से निकाल दिया जाए। क्या आप आधार के लिए जोर डालेंगे।’
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