पिछले 10 साल से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है, क्योंकि 2014 के बाद से किसी भी विपक्षी दल के 54 सांसद नहीं जीते।
मावलंकर नियम के तहत नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल संख्या का 10% यानी 54 सांसद होना जरूरी है। संसद की वेबसाइट पर ‘लीडर ऑफ अपोजिशन’ सर्च कीजिए। वहां अब भी आखिरी एंट्री सुषमा स्वराज के नाम की दर्ज है, जो 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं।
मुफ्त राशन को यह करना हुआ जरूरी
मकान में भीषण आग, 2 बच्चियों की जिंदा जलकर मौत
4 दिनों तक भीषण गर्मी, 15 जून तक लू का रेड अलर्ट
10 साल बाद कांग्रेस को लोकसभा में अधिकृत रूप से नेता प्रतिपक्ष का पद मिलेगा। इस बार कांग्रेस के 99 सांसद हैं, जो लोकसभा की कुल संख्या का 18% है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने इसके लिए राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव पारित किया है।
45 हजार रुपए निर्वाचन भत्ते
Leader of opposition को भत्ते भी दिए जाते हैं, जिनमें 45 हजार रुपए निर्वाचन भत्ते के रूप में हर महीने मिलते हैं और दो हजार रुपए प्रति माह सत्कार भत्ता दिया जाता है. नेता प्रतिपक्ष को वेतन के रूप में 50 हजार रुपए तनख्वाह प्रति माह मिलती है.
राहुल गांधी अगर नेता प्रतिपक्ष बने तब उन्हें मकान भी मिलेगा. यह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगा और यह अपर क्लास का फर्निश्ड सरकारी बंगला होगा.
यात्रा की बात करें तो नेता प्रतिपक्ष को समूचे भारत में सरकारी काम से आने-जाने के लिए मुफ्त हवाई और रेल सफर की सुविधा मिलती है. लीडर ऑफ अपोजीशन को सिक्योरिटी भी मिलेगी. यह सुरक्षा उच्च स्तर की होगी.
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बिना नेता प्रतिपक्ष ED, CBI प्रमुख की नियुक्ति नहीं हो सकती
नेता प्रतिपक्ष सरकार की निगरानी करता है। वह सरकार काे आईना दिखाने का काम करता है। वह सरकार के कामों को रिव्यू करता है। नेता प्रतिपक्ष का काम सरकार के लिए ऑप्शन देना है।
‘लीडर ऑफ अपोजिशन इन parliament act 1977’ के अनुसार नेता प्रतिपक्ष के अधिकार और सुविधाएं ठीक वैसे ही होते हैं, जो एक कैबिनेट मंत्री के होते हैं। नेता प्रतिपक्ष लोक लेखा समिति का चेयरमैन भी होता है। ये कमेटी सरकार के फाइनेंशियल अकाउंट्स की जांच करती है। यह उन रुपयों के हिसाब की जांच करती है जो संसद के माध्यम से सरकार को खर्च करने के लिए दिया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष विभिन्न महत्वपूर्ण कमेटियों और सिलेक्शन कमीशन के सदस्य होते हैं। इसमें केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आदि शामिल हैं। अगर सरकार सिलेक्शन कमीशन में नेता प्रतिपक्ष को शामिल न करे तो देश में ED, CBI चीफ की नियुक्ति नहीं हो सकती। इसके अलावा इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति वाली कमेटी में भी नेता प्रतिपक्ष शामिल होता है।
CONGRESS सांसद चाहते हैं राहुल गांधी बनें नेता प्रतिपक्ष
कांग्रेस के कई नेता चाहते हैं कि RAHUL GANDHI लोकसभा में विपक्ष के नेता बनें। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी उन्हें ही नेता प्रतिपक्ष चुना गया है, लेकिन फैसला राहुल को करना है।
न केवल कांग्रेस के भीतर से ये आवाजें आ रही हैं, बल्कि गठबंधन के साथी शिवसेना के संजय राउत और विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) के थोल थिरुमावलवन जैसे विपक्षी नेता भी राहुल को नेता प्रतिपक्ष बनता हुआ देखना चाहते हैं। इनका कहना है कि लोकसभा में राहुल को ही संसदीय दल की लीडरशिप की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।