बोगियों में बनाया आइसोलेशन सेंटर
कोरोनावायरस महामारी के खतरे को लेकर विभिन्न मंत्रालयों की तैयारियों के बीच भारतीय रेलवे ने भी काम शुरू कर दिया है. रेलवे ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए रेलगाड़ी में आइसोलेशन कोच तैयार करने शुरू कर दिए हैं. भविष्य में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर रेलवे के इन कोचों का उपयोग संदिग्धों या मरीजों को आइसोलेट करने में किया जा सकता है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मरीजों के लिए केबिन बनाने के लिए एक तरफ की मीडिल बर्थ को हटा दिया गया है और मरीज के बर्थ के सामने वाली तीनों बर्थ को हटा दिया गया है. सीट पर चढ़ने के लिए लगाई गई सीढ़ियों को भी हटा दिया गया है. आइसोलेश कोच तैयार करने के लिए बाथरूम और अन्य हिस्सों में भी बदलाव किया गया है.
To make the patient cabin, middle berth has been removed from 1 side, all 3 berths removed in front of patient berth, all ladders for climbing up the berths have been removed. The bathrooms, aisle areas and other areas have also been modified to prepare Isolation Coach. #Covid19 https://t.co/6dyI0CwfJs pic.twitter.com/aeXIMIzldc
— ANI (@ANI) March 28, 2020
थोड़ी राहत वाली बात यह है कि इस बीमारी से 79 लोग या तो ठीक हो चुके हैं या फिर उनकी स्थिति में सुधार है. कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने सभी यात्री ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा रखा है. इससे सिर्फ मालगाड़ियों को छूट दी गई है ताकि माल की आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रह सके. रेलवे ने परिचालन रद्द करते हुए कहा था कि यात्री अपना रिफंड ले सकते हैं.
बता दें कि देशभर में मंगलवार मध्य रात्रि से 21 दिनों के ‘लॉकडाउन’ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद भारतीय रेल ने भी कहा था कि उसकी सभी यात्री सेवाएं अब 14 अप्रैल तक बंद रहेंगी. हालांकि, आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने के लिए माल ढुलाई जारी रहेगी. इससे पहले रेलवे ने 22 मार्च से 31 मार्च तक सभी यात्री सेवाएं बंद करने की घोषणा की थी. इस निलंबन में सभी उपनगरीय ट्रेन सेवाएं भी शामिल हैं.
इस बीच भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) ने लोगों से कहा है कि वे ट्रेनों की ऑनलाइन बुक की गई टिकटों को रद्द न करें और उन्हें खुद ही पूरा पैसा मिल जाएगा.