Raksha Bandhan 2023: हिंदू धर्म में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का पर्व विशेष महत्व रखता है।इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र या राखी (Raksha Bandhan)बांधती हैं और भाई के सफल भविष्य के लिए कामना करती हैं। वहीं, भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं साथ ही वह अपनी बहन को कुछ-न-कुछ उपहार भी देते हैं।Raksha Bandhan 2023
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लक्ष्मी जी ने बांधी थी राजा बली को राखी (Raksha Bandhan 2023)
स्कंद पुराण, पद्म पुराण और श्रीमद्भागवत पुराण की कथा के अनुसार असुर राजा दानवीर राजा बली भगवान विष्णु के परम भक्त थे। एक बार वह भगवान को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ कर रहे थे। अपने भक्त की परीक्षा लेने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और ब्राह्मण के वेश में राजा बली के द्वार भिक्षा मांगने पहुंचे। वामन भगवान ने तीन पग भूमि दान में मांगी। राजा ने ब्राह्मण की मांग स्वीकार कर ली। ब्राह्मण ने पहले पग में पूरी भूमि और दूसरे पग ने पूरा आकाश नाप दिया। फिर भगवान ने पूछा कि अपना तीसरा पग कहां रखूं। तब राजा बलि ने अपना सिर आगे करके कहा की आप तीसरा पग मेरे सिर पर रख लीजिए। (Raksha Bandhan 2023)
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राजा की यह भक्ति देख वामन भगवान ने उन्हें पाताल लोक का राजा बना दिया। साथ राजा बलि ने यह भी वरदान मांगा कि आप मेरे साथ पाताल लोक में रहें। उधर भगवान विष्णु के वापिस न लौटने के कारण माता लक्ष्मी परेशान हो उठीं। उन्होंने एक गरीब महिला का वेष बनाया और राजा बलि के पास पहुंचकर उन्हें राखी बांध दी। राखी के बदले राजा ने कुछ भी मांग लेने को कहा। तो माता लक्ष्मी में अपने असली रूप में आकर भगवान विष्णु को वापिस लौटाने की मांग रख दी। राखी का मान रखते हुए राजा ने भगवान विष्णु को मां लक्ष्मी के साथ वापस भेज दिया। (Raksha Bandhan 2023)
महाभारत काल में मिलती हैं ये कथाएं (Raksha Bandhan 2023)
मान्यता है कि महाभारत के युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने 100 गाली देने पर राजा शिशुपाल का सुदर्शन चक्र से वध कर दिया था। जिसके कारण उनकी उंगली से खून बहने लगा और वहां मौजूद द्रौपदी ने अपने साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली में बांध दिया। जिसके बाद भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को हर संकट से बचाने का वचन दिया। उन्होंने अपने इस वचन का मान रखते हुए द्रौपदी के चीरहरण के समय भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी रक्षा की थी। तभी से रक्षाबंधन के दिन बहनों द्वारा भाई की कलाई में राखी बांधी जाती है।
Raksha Bandhan 2023 रक्षाबंधन से ही संबंधित महाभारत काल में एक और कथा प्रचलित है। जिसके अनुसार महाभारत के युद्ध के दौरान जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि मैं सभी संकटों को किस प्रकार पार कर सकता हूं, तब श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि वह अपने सभी सैनिकों को रक्षा सूत्र बांधें। युधिष्ठिर ने ऐसा ही किया और अपनी पूरी सेना में सभी को रक्षा सूत्र बांधा। (Raksha Bandhan 2023)
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मुगल काल से संबंधित है ये कथा (Raksha Bandhan 2023)
देश में एक समय राजपूत, मुस्लिम आक्रमण के खिलाफ लड़ रहे थे। अपने पति राणा सांगा की मृत्यु के बाद मेवाड़ की कमान रानी कर्णावती ने संभाला हुई था। चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह के आक्रमण से अपने राज्य व अपनी रक्षा के लिए सम्राट हुमायुं को एक पत्र के साथ राखी भेजकर रक्षा का अनुरोध किया था। हुमायुं ने राखी को स्वीकार किया रानी कर्णवती की रक्षा के लिए चित्तौड़ रवाना हो गए। लेकिन उन्हें पहुचने में देरी हो गई और रानी ने अपने सम्मान की रक्षा के लिए जौहर (खुद को आग लगा ली) कर लिया। लेकिन वचन निभाते हुए हुमायूं की सेना ने चित्तौड़ से शाह को खदेड़ कर रानी के पुत्र विक्रमजीत सिंह को चित्तौड़ का शासन सौंप दिया। (Raksha Bandhan 2023)
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