Ramayana Story: प्रभु श्रीराम, भगवान विष्णु के 7वें अवतार माने जाते हैं। इसी तरह रामायण के कई पात्र किसी-न-किसी के अवतार रहे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि श्रीराम समेत उसके भाइयों की तरह ही उनकी पत्नियां किसकी अवतार थीं। Ramayana Story
कौन किसका अवतार (Who’s incarnation?)
माता सीता – रामायण की कथा के अनुसार, राम जी का विवाह माता सीता से हुआ था, जो महाराज जनक की पुत्री थीं। सीता जी को माता लक्ष्मी का अवतार माना गया है। कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर लिया, तब लक्ष्मी जी ने भी सीता के रूप में जन्म लिया।
मांडवी (Mandvi)
राम जी के भाई, भरत भगवान विष्णु के हाथ में सुशोभित सुदर्शन चक्र के अवतार माने जाते हैं। तो वहीं भरत की पत्नी मांडवी को देवी लक्ष्मी के शंख का अवतार माना गया है। वह देवी लक्ष्मी के “धैर्य और संतुलन” का प्रतीक हैं। जब राम जी के वनवास जाने के दौरान भरत ने भी तपस्वी का जीवन जीना शुरू कर दिया, तब मांडवी ने भी अपना पतिव्रता धर्म निभाते हुए उनका पूरा साथ दिया।
उर्मिला
वनवास में राम जी का साथ देने वाले लक्ष्मण शेषनाग के अवतार माने जाते हैं। वहीं उनकी पत्नी उर्मिला नाग लक्ष्मी का अवतार थीं, जिनका विवाह शेषनाग से हुआ था। कहा जाता है कि उर्मिला ने वनवास के दौरान माता सीता से ज्यादा कष्ट सहन किया था। क्योंकि सीता जी ने वनवास, श्रीराम के साथ बिताया, लेकिन उर्मिला को 14 सालों तक लक्ष्मण जी से वियोग सहना पड़ा था।
श्रुतकीर्ति
चारों भाइयों में सबसे छोटे शत्रुघ्न को भगवान विष्णु के हाथ में स्थापित शंख का अवतार माना जाता है। वहीं उनकी पत्नी श्रुतकीर्ति को मां लक्ष्मी द्वारा धारण किये जाने चक्र का अवतार माना जाता है। उन्हें लेकर यह भी कहा जाता है कि वह दूरदर्शिता रखने वाली दिव्य कन्या थीं। यह भी कथा मिलती है कि जब माता सीता पृथ्वी में समाकर लक्ष्मी के रूप में पुनः अपने धाम लौट गई, तब सबसे पहले श्रुतकीर्ति ने ही अपने प्राण त्यागे और फिर से देवी के हाथ में चक्र के रूप में विराजित हो गईं।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। JAIHINDTIMES यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है।