Rang Panchami 2025 Date: रंग पंचमी (Rang Panchami) के पर्व का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। पंचांग के अनुसार, हर साल इस पर्व को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी (Rang Panchami 2025) तिथि पर मनाया जाता है। Rang Panchami 2025 Date
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी और देवी-देवता होली खेलने के लिए पृथ्वी पर आए थे।
इस दिन लोग जीवन में खुशियों का आगमन के लिए कई उपाय भी करते हैं और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। इस बार रंग पंचमी (Kab Hai Rang Panchami 2025) की डेट लेकर लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे रंग पंचमी की सटीक डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
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रंग पंचमी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Rang Panchami 2025 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 18 मार्च को रात 10 बजकर 09 मिनट से हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 20 मार्च को रात को 12 बजकर 36 मिनट पर होगा। ऐसे में रंग पंचमी 19 मार्च को मनाई जाएगी।
कथा (Rangpanchami History)
कालिदास द्वारा रचित कुमारसंभवम् में निहित है कि देवी मां सती के आहुति के बाद भगवान शिव ने दूसरी शादी न करने का प्रण लिया था। यह जान तारकासुर ने ब्रह्मा जी की कठिन तपस्या कर यह वरदान प्राप्त कर लिया कि उसका वध भगवान शिव के पुत्र के अलावा कोई और न कर सके। यह जान देवता चिंतित हो उठे। तब देवताओं ने ब्रह्मा जी और विष्णु जी की मदद से कामदेव को भगवान शिव की तपस्या भंग करने की सलाह दी।
कामदेव के दुस्साहस को देख भगवान शिव ने तत्क्षण ही उसे भस्म कर दिया। इस पर कामदेव की पत्नी देवी रति व अन्य देवताओं के अनुरोध पर भगवान शिव ने कामदेव को पुनः जीवित करने का आश्वासन दिया। इस घटना से प्रसन्न होकर सभी देवी-देवता रंगोत्सव मनाने लगे। तभी से रंग पंचमी मनाने की शुरुआत हुई।
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इसलिए भी खास है रंग पंचमी
कुछ मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी का दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी जी को अर्पित माना जाता है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर द्वापर युग में श्री कृष्ण और राधा जी ने एक-दूसरे के साथ रंगोत्सव मनाया था। इसी कारण इस दिन को कृष्ण पंचमी तथा देव पंचमी भी कहा जाता है।
रंग पंचमी पर (Rang Panchami 2025 Significance) राधा-कृष्ण जी की साथ में पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है, इससे साधक को प्रेम संबंधों में मजबूती आती है। साथ ही इस दिन पर अपने-अपने आराध्य देव को भी रंग अर्पित किया जाता है। इस दिन पर हवा में गुलाल उड़ाया जाता है और यह माना जाता है कि जिस भी व्यक्ति पर यह रंग आकार गिरता है, उसे देवी-देवताओं की विशेष कृपा मिलती है।
रंग पंचमी पूजा विधि (Rang Panchami Puja Vidhi)
रंग पंचमी के दिन की शुरुआत भगवान के ध्यान से करें।
इसके बाद स्नान कर साफ कपड़ें पहने और सूर्य देव को अर्घ्य दें।
मंदिर की सफाई करें और चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान कृष्ण और राधा रानी की प्रतिमा को विराजमान करें।
अब उनका विधिपूर्वक अभिषेक करें।
चंदन, अक्षत, गुलाब के पुष्प अर्पित करें।
देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
मंत्रों का जप करें।
खीर, पंचामृत और फल समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
आखिरी में लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
धन की कमी होगी दूर
रंग पंचमी के दिन लाल या पीले कपड़े में हल्दी की एक गांठ और एक सिक्का बांधकर तिजोरी या पर्स में रख दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही धन की कमी दूर होती है।
रिश्ते मजबूत होंगे मजबूत
रंग पंचमी के शुभ अवसर पर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा-अर्चना करें। इसके बाद उन्हें लाल चंदन और गुलाल लगाएं। मान्यता है कि इस उपाय को करने से वैवाहिक जीवन हमेशा खुशहाल होता है। साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं।