RBI बनेगा वजह , #ATM का इस्तेमाल पड़ेगा महंगा
आने वाले समय में आपके लिए #ATM का इस्तेमाल करना महंगा साबित हो सकता है। दरअसल रिजर्व बैंक ने एटीएम के जरिए धोखाधड़ी और हैकिंग की बढ़ती शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एटीएम अपग्रेडेशन की समय सीमा तय कर दी थी। अब कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री का कहना है कि इससे उसकी लागत बढ़ जाएगी और इसकी भरपाई करने के लिए इंडस्ट्री ने एटीएम चार्ज बढ़ाने की मांग रखी है।
ग्राहकों पर बढ़ेगा बोझ
एटीएम इंडस्ट्री का कहना है कि पहले से ही यह इंडस्ट्री घाटे में चल रही है क्योंकि एटीएम ट्रांजेक्शन पर फीस केवल 15 रुपए है। वहीं नॉन-कैश ट्रान्जेक्शंस पर फीस 5 रुपए है। हालांकि यह फीस कस्टमर पर नहीं लगती है। कस्टमर को पैसा तभी देना होता है जब फ्री ट्रांजेक्शंस की संख्या पूरी होने के बाद भी वह एटीएम से कोई ट्रांजेक्शन करे। इंडस्ट्री का कहना है कि आरबीआई के ताजा निर्देश से एटीएम की लागत कम से कम 25 फीसदी बढ़ जाएगी। वहीं बैंकों भी अपनी सर्विस महंगी करेंगे क्योंकि उनकी ऑपरेशनल कॉस्ट भी 40 फीसदी बढ़ जाएगी।
ये हैं RBI की डेडलाइन
- BIOS पासवर्ड, USB पोर्ट डिसेबल करना, ऑटो रन फैसिलिटी डिसेबल करना, ऑपरेटिंग सिस्टम व अन्य सॉफ्टवेयर्स का लेटेस्ट वर्जन अप्लाई करना, टर्मिनल सिक्योरिटी सॉल्युशन, टाइम बेस्ड एडमिन एक्सेस आदि जैसे कदमों को अमल में लाने के लिए रिजर्व बैंक ने बैंकों को अगस्त 2018 तक का वक्त दिया है।
- एंटी-स्किमिंग और व्हाइटलिस्टिंग सॉल्युशन लागू करने के लिए डेडलाइन मार्च 2019 तय की गई है।
- सभी एटीएम को ऑपरेटिंग सिस्टम के सपोर्टेड वर्जन के साथ अपग्रेड करने के लिए डेडलाइन सितंबर 2018 है। ये अपग्रेडेशन चरणबद्ध तरीके से होगा।
- इसके तहत सितंबर 2018 तक मौजूदा अनसपोर्टेड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले एटीएम में से 25 फीसदी अपग्रेड हो जाने चाहिए।
- दिसंबर 2018 तक इनमें से 50 फीसदी एटीएम का अपग्रेडेशन पूरा हो जाना चाहिए और मार्च 2019 तक यह आंकड़ा 75 फीसदी होना चाहिए।