Sarva pitru Amavasya 2023: अमावस्या (Amavasya 2023) तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि अमावस्या कहलाती है। आश्विन माह की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
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Sarva pitru Amavasya 2023: इस तिथि पर परिवार के उन मृतक सदस्यों के लिए श्रद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि या चतुर्दशी तिथि को हुई हो या फिर जिनकी मृत्यु तिथि हम भूल चुके हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।
अमावस्या तिथि (Sarva pitru Amavasya 2023 )
आश्विन माह की अमावस्या तिथि प्रारम्भ 13 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन शाम 07 बजकर 20 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 14 अक्टूबर रात 08 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध 14 अक्टूबर को किया जाएगा।
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न करें ये काम
सर्वपितृ अमावस्या के दिन किसी का भी अपमान न करें। न ही किसी से अपशब्द कहें, वरना ये पितरों की नाराजगी का कारण बन सकता है। साथ ही इस दिन सर्वपितृ अमावस्या के दिन तामसिक भोजन और मदिरा आदि से दूर रहें।
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किसी को न लौटाएं खाली हाथ
सर्वपितृ अमावस्या के दिन अगर कोई गरीब, जरूरतमंद आपके घर आता है तो उसे खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। वरना पितृ नाराज हो सकते हैं। पितरों की नाराजगी से बचने के लिए घर आए जरूरतमंद को अवश्य ही कुछ न कुछ अपनी क्षमता अनुसार दान करें।
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इन बातों का रखें ध्यान
सर्वपितृ अमावस्या के दिन गाय, कुत्ता, कौवा या चींटी जैसे जीवों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। साथ ही इस दिन बाल, नाखून आदि न कटवाएं। ऐसा करने पर भी पितृ नाराज हो सकते हैं।
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