इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या 16 सितंबर दिन बुधवार को है…
#SarvaPitruAmavasya : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। इस पितृ पक्ष में सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन पितर विदा होते हैं और अपने संतानों को आशीर्वाद देते हैं। आश्विन मास की अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। इसे महालया अमावस्या (Mahalaya Amavasya) भी कहते हैं। इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या 16 सितंबर दिन बुधवार को है।
महत्व
सर्व पितृ अमावस्या (SarvaPitruAmavasya) या महालया अमावस्या (Amavasya) के दिन उन पितरों का श्राद्ध कर्म किया जाता है, जिनके निधन की तिथि मालूम नहीं होती है। इस तिथि को अपने पितरों को तृप्त करके खुशीपूर्वक विदा किया जाता है। किसी कारणवश जो लोग पितृ पक्ष में 15 दिनों तक श्राद्ध कर्म और तर्पण नहीं कर पाते हैं, वे सर्व पितृ अमावस्या को तर्पण एवं श्राद्ध कर्म करते हैं।
इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। ऐसे समय में पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाता है ताकि वे तृप्त हो सकें। इस पितृ पक्ष में सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन पितर विदा होते हैं और अपने संतानों को आशीर्वाद देते हैं। आश्विन मास की अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या (Pitru Amavasya) कहा जाता है। इसे महालया अमावस्या (Mahalaya Amavasya) भी कहते हैं। इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या 16 सितंबर दिन बुधवार को है।
श्राद्ध कर्म
सर्व पितृ अमावस्या के दिन दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में श्वेत पुष्प और काला तिल डालकर पितरों का तर्पण करें। ऐसा करने से परिवार में सुख एवं समृद्धि आती है।
तर्पण के बाद आसमान की ओर हाथ ऊपर करके पितरों को प्रणाम करें।
फिर उनको श्रद्धा पूर्वक भोजन दें। भोजन का कुछ अंश कौआ को दे दें। फिर ब्राह्म्णों को भोजन कराकर दक्षिणा दें ।
शाम को घर के बाहर दीपक जलाएं और पितरों को प्रणाम कर विदा करें।