Sawan : सनातन धर्म में सावन (SAWAN) के महीने का विशेष महत्व है। यह महीना महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में रोजाना भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। Sawan
क्या आपको भी अपने शरीर पर नजर आते रहते हैं नीले निशान?
कानपुर के भैरव घाट पर स्टंट, लोग तमाशा देखकर देते हैं इनाम
ज्योति मौर्य के साथ अफेयर…मुश्किल में फंसे कमांडेंट मनीष दुबे
धर्म शास्त्रों में निहित है कि सावन महीने में भगवान शिव की पूजा उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अतः साधक श्रद्धा भाव से महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं। अगर आप भी अपने करियर और कोराबार को नया आयाम देना चाहते हैं, तो सावन महीने में रोजना गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही पूजा के समय शिव स्तुति का पाठ जरूर करें। इस स्तुति के पाठ से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से साधक की किस्मत चंद दिनों में बदल जाती है। आइए, शिव स्तुति का पाठ करें-
शिव शंकरम स्तुति
नमो भूत भूतनाथ नन्दीश्वर श्री हरे,
बहत गंग शिरपरे, जटा उतंग फरफरे,
हिमालये उमा सहित, शोभितं निरन्तरं,
उमापति महेश्वरम, नमामि शिव शंकरम।।
त्रिताप पाप क्षारणं, प्रभाय धर्म धारणम,
समस्त सृष्टि धारणम, मांगल्य मृत्यु कारणम,
अगम अनादि आशुतोष, धुर्जटी धुरंधरम,
उमापति महेश्वरम, नमामि शिव शंकरम।।
भले भभूत रंग में, रहत मस्त भंग में
श्मशानघाट वासिनी भुत प्रेत संग में
करंत हस्त घोरनाद, डमरू डडंकरम,
उमापति महेश्वरम नमामि शिव शंकरम।।
गले भुजंग मुण्डमाल भाल चंद शोभितंम,
मयंक भग्य दर्शकात्, भक्त चित लोभितंम,
आनंदकंद ध्यान मस्त, ॐकार उच्चरम,
उमापति महेश्वरम नमामि शिव शंकरम।
धरि त्रिशूल हाथ नाथ, दक्ष यज्ञ खंडितम,
रेमंड घोर गर्गरम तान्डव नृत्य मण्डितम,
देवाधिदेव दिव्य भव्य भासकम भयंकरम,
उमा पति महेश्वरम नमामि शिव शंकरम।।
अजर अमर त्रिपुर हरम, करम त्रिशूल धारणम,
संसार पाश नाशनम भव व्याधि पार तारणम
भजंत सर्व शिव हरे सुरासुरम धुरंधरम,
उमापति महेश्वरम नमामि शिव शंकरम।।
सोमेश्वरा,नागेश्वरा, श्रीमल्लिकार्जुनेश्वरा
महाकालं ममलेश्वरा धुश्मेशरा,
विश्वेशरा,केदार,भीम, बैद्यनाथ, त्रयंबकम रामेश्वरम,
उमापति महेश्वरम नमामि शिव शंकरम।।
प्रसन्न हो परम पिता, ये अनूपदान दायिताम,
नमः शिवाय नमः शिवाय भक्त गुण गायितंम,
नमः अलख निरंजनम श्याम मंगलम करम,
उमा पति महेश्वरम नमामि शिव शंकर।।
सावन में शिवलिंग पर चढ़ाएं पंचामृत, जानें विधि
“आप सब अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखें……
NAG PANCHAMI 2023: कब है नाग पंचमी पर्व? जानिए…
शंकर भगवान की स्तुति
आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू कोटि नमन दिगम्बरा,
निर्विकार ओमकार अविनाशी तुम्ही देवाधि देव ,
जगत सर्जक प्रलय करता शिवम सत्यम सुंदरा ,
निरंकार स्वरूप कालेश्वर महा योगीश्वरा ,
दयानिधि दानिश्वर जय जटाधार अभयंकरा,
शूल पानी त्रिशूल धारी औगड़ी बाघम्बरी ,
जय महेश त्रिलोचनाय विश्वनाथ विशम्भरा,
नाथ नागेश्वर हरो हर पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले सदा शिव शिव संकरा,
जगत पति अनुरकती भक्ति सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब जय जयति जगदीश्वरा,
जनम जीवन जगत का संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन जपता रहे पञ्चाक्षरा,
आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदम्बरा,
कोटि कोटि प्रणाम संभु कोटि नमन दिगम्बरा
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय करें लिंगाष्टकम् का पाठ, पूरी होगी मनोकामना
धीरेंद्र शास्त्री की बहन ने मुस्लिम युवक से निकाह कर लिया है