साइबर ठग बैंक प्रतिनिधि के रूप में फोन कर लोगों को यह झांसा देते हैं
लोन की ईएमआई टालने के लिए कॉल कर मैसेज भेजकर लोगों को चूना लगा रहे हैं. बैंकों ने ऐसे कॉल या मैसेज के प्रति अपने ग्राहकों को आगाह किया है. इस तरह के साइबर ठग बैंक प्रतिनिधि के रूप में फोन कर लोगों को यह झांसा देते हैं कि उनकी ईएमआई तीन महीने तक माफ की जा रही है. इसके बाद वे एक ओटीपी साझा करने को कहते हैं. अगर किसी ने भूलवश ओटीपी साझा कर दी तो उसके खाते से सारी रकम निकाल ली जाती है.
अब बैंक अपने ग्राहकों को मेल, ट्वीट या मैसेज के माध्यम से ऐसी ठगी के प्रति सचेत रहने की चेतावनी दे रहे हैं.
क्या कहा…
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ट्वीट कर चेतावनी दी है, ‘साइबर ठगों ने लोगों से ठगी करने का नया तरीका ढूंढ लिया है. इन साइबर ठगों से बचने का एकमात्र तरीका सावधान और जागरूक रहना है. कृपया इस बात को समझ लें कि ईएमआई को टालने के लिए ओटीपी नंबर की जरूरत नहीं पड़ती है. अपना ओटीपी किसी से भी शेयर नहीं करें. अपने लोन की ईएमआई को टालने के लिए बैंक की वेबसाइट https://bank.sbi/stopemi पर संपर्क करें.’
SBI wants you to be secure. Note that any donation you might want to make should be done through the official site of SBI or PM CARES fund only & NOT through Whatsapp, SMS or EMAILER links.
Report these crimes: epg.cms@sbi.co.in & https://t.co/L3ihBoE1kS pic.twitter.com/Q10YGepRXW— State Bank of India (@TheOfficialSBI) April 6, 2020
इसी तरह निजी क्षेत्र के ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों को आगाह करते हुए कहा है, ‘कोई भी बैंक आपके ईएमआई या ब्याज भुगतान को टालने के लिए कभी भी ओटीपी, यूजर आईडी या पासवर्ड जैसे आपके गोपनीय बैंकिंग डिटेल नहीं मांगता. इसलिए सचेत रहें और सुरक्षित बैंकिंग अपनाएं.’
रिजर्व बैंक ने दिया था निर्देश
कोरोना की वजह से मौद्रिक नीति समीक्षा समय से पहले पेश करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा की थी कि बैंकों को यह इजाजत दी जा रही है कि वे टर्म लोन के मामले में ग्राहकों की ईएमआई वसूली तीन महीने के लिए टाल दें. इस कर्ज वापसी न होने को बैंकों को एनपीए खाते में न रखने की छूट दी जाएगी.