स्ट्रेटनिंग से अलग है केराटिन ट्रीटमेंट, डैंड्रफ और फ्रीजीनेस से दिलाता है…
सुदंर-निखरी त्वचा के साथ-साथ सिल्की-शाइनी बाल पाना भी हर महिला की ख्वाहिश होती है। बालों को सिल्की और स्ट्रेट बनाने के लिए वह स्ट्रेटनिंग और केराटिन जैसे ट्रीटमेंट लेती हैं। मगर लड़कियां हमेशा इन दोनों को लेकर कंफ्यूजन हो जाती कि उन्हें कौन-सा ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। अगर आप भी इसी बात को लेकर कंफ्यूज है तो आज हम आपको बताएंगे कि केराटीन और स्ट्रेटनिंग में क्या होता है फर्क।
क्या होता है केराटिन ट्रीटमेंट
पॉल्यूशन के कारण खराब हुए बाल, डैंड्रफ और रूखेपन को दूर करने के लिए केराटीन ट्रीटमेंट किया जाता है। इसके अलावा बढ़ती उम्र में बालों से प्रोटीन लॉस होने लगता है, जिससे वह फ्रीजी हो जाते हैं। ऐसे में केराटिन ट्रीटमेंट बालों की फ्रीजीनेस को खत्म करके उनकी शाइन वापस लौटता है।
कैसे होता है केराटिन ट्रीटमेंट?
इस ट्रीटमेंट में बालों पर प्रोटीन की परत चढ़ाई जाती है, जिसे प्रेसिंग द्वारा लॉक किया जाता है। इसमें 180 डिग्री तापमान पर बालों की प्रेसिंग की जाती और 24 घंटे बाद बालों को पानी से साफ किया जाता है। इस ट्रीटमेंट के बाद केवल केराटिन युक्त शैंपू ही यूज करें। शैंपू के बाद कंडीशनर को 6-7 मिनट के लिए लगाएं और फिर बालों को साफ करके ब्लो ड्राई करें।
ट्रेटनिंग से अलग हैं केराटिन ट्रीटमेंट
- केराटिन और स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट में बहुत फर्क होता है। जहां केराटिन ट्रीटमेंट बालों की फ्रीजीनेस को खत्म करता है। वहीं स्ट्रेटनिंग कर्ली या वेवी बालों को स्ट्रेट करने के लिए होता है।
- केराटिन में माइल्ड प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल होता है। जबकि स्ट्रेटनिंग में हार्ड कैमिकल्स प्रोडक्ट्स यूज किए जाते हैं।
- केराटिन ट्रीटमेंट का असर बालों में 4-5 महीने ही रहता है लेकिन स्ट्रेटनिंग का असर बालों पर तब तक रहता है जब तक नए बाल न आ जाएं।
इन बातों का ध्यान रखें
- केराटिन ट्रीटमेंट के बाद बालों को खास केयर की जरूरत होती है। इसके बाद आपको टाइम-टू-टाइम हेयर स्पा करवाना चाहिए।
- इसके बाद बालों को कम से कम फोल्ड करें। यह परमानेंट स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट नहीं है। ऐसे में अगर आप बालों को फोल्ड करेंगी तो उसमें इसका इफेक्ट आ जाएगा।
- केराटिन ट्रीटमेंट करवाने से पहले उस पार्लर के बारे में अच्छे से जान लें। उनसे केराटिन ट्रीटमेंट करवाने के बाद के रिजल्ट के बारे में पूछें।
- इस ट्रीटमेंट के बाद बालों को कम से कम तीन दिन तक न धोएं। जल्दी बाल धोने से इसका असर कम हो जाता है।
- अपने बालों को 48 घंटे तक न बांधें। संभव हो तो बालों की चोटी न बनाएं और किसी सस्ती रबरबैंड का इस्तेमाल न करें।
- अगर आप स्टाइलिंग या ड्रायर का इस्तेमाल नहीं करेंगी तो इसका असर लंबे समय तक रहेगा।