Shankh Significance : सनातन धर्म में ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए कई तरह की पूजा की जाती है। पूजा करते समय कुछ लोग शंख बजाते हैं, तो दूसरे घंटी बजाकर भगवान से प्रार्थना करते हैं। शंख को पूजा और शुभ कार्यों के दौरान बजाने की परंपरा बहुत पुरानी है। Shankh Significance
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शास्त्रों में कहा गया है कि शंख बजाने से सुख-समृद्धि सहित कई लाभ मिलते हैं और घर में सदा संपत्ति रहती है। शंख को धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त बनाने के लिए आसपास का वातावरण शुद्ध करने का साधन मानते हैं। अब आइए जानते हैं कि शंख का जन्म कैसे हुआ? Shankh Significance
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इस तरह हुई शंख की उत्पत्ति
शंख की ध्वनि लोगों को पूजा करने के लिए प्रेरित करती है। धार्मिक ग्रंथों में धन की देवी मां लक्ष्मी का जन्म हुआ है। वैसे ही शंख भी सागर से उत्पन्न हुआ है। यही कारण है कि शंख को मां लक्ष्मी का भाई कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि समुद्र मंथन से निकाले गए चौबीस रत्नों में से एक शंख है। पूजा के दौरान शंख बजाना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी ने हाथों में शंख को धारण किया हुआ है।
मिलते हैं ये फायदे
माना जाता है कि पूजा के दौरान में शंख बजाने से आसपास का वातावरण शुद्ध होता है।
शंख की ध्वनि लोगों को पूजा-अर्चना करने के लिए प्रेरित करती है।
धार्मिक मत है कि शंख की विधिपूर्वक पूजा करने से इंसान की मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शंख बजाने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।
शंख बजाने से इंसान को बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
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