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SharadPurnima : आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (SharadPurnima) कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन पूरे वर्ष में चंद्रमा सोलह कलाओं का होता है। SharadPurnima 2024
साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा से निकलने वाली किरणों से अमृत बरसता है। शरद पूर्णिमा (SharadPurnima) के दिन खीर बनाई जाती है और रात को चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है।
शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था मां का अवतरण
शरद पूर्णिमा (SharadPurnima) के दिन लक्ष्मी पूजा (laxmi pooja) भी की जाती है। इस दिन को कोजागरी पूर्णिमा या कोजागरी लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन ही मां लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी सभी के घर जाती हैं और उन पर कृपा बरसाती हैं। ऐसै भी कहा जाता है कि इस दिन लोगों को अपने घर का दरवाजा खुला रखकर सोना चाहिए। अगर ऐसा न किया जाए तो मां दरवाजे से ही वापस चली जाती हैं। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा (SharadPurnima) को कोजागर व्रत भी कहा जाता है। इसका अर्थ होता है कौन जाग रहा है। इस दिन अगर मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो व्यक्ति को उसके सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इसी के चलते इसे कर्ज मुक्ति पूर्णिमा भी कहते हैं।
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