Shardiya Navratri 2024 : हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) की शुरुआत होती है। कई लोग शारदीय नवरात्र व्रत रखते हैं। Shardiya Navratri 2024
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इस बार शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) का शुभारंभ 03 अक्टूबर से होगा। वहीं, इस पर्व का समापन 11 अक्टूबर को होगा। इसके अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।
लेकिन शायद उन्हें इसके इतिहास के बारे में पता नहीं होगा। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हुई?
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ऐसे हुई शारदीय नवरात्र की शुरुआत
पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर (Mahishasura) नाम का राक्षस था। उसने तपस्या कर ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान प्राप्त कर लिया था, जिसकी वजह से वह देवताओं को सताने लगा था। वह पृथ्वी और स्वर्ग पर कई तरह के अत्याचार करने लगा।
मां दुर्गा ने महिषासुर का किया सामना
देवी-देवताओं ने महिषासुर के अत्याचार से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु जी से प्रार्थना की। इसके पश्चात देवताओं ने अपनी सभी शक्तियों को मिलाकर मां दुर्गा को प्रकट किया और उन्हें श्रेष्ठ अस्त्र-शस्त्र दिए। इसके बाद मां दुर्गा ने महिषासुर का सामना किया।
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मां दुर्गा ने किया वध
उन दोनों के बीच युद्ध 9 दिनों तक चला और इसके बाद दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया है और देवी-देवताओं को महिषासुर के अत्याचार से मुक्ति दिलाई। धार्मिक मान्यता है कि देवी-देवताओं ने इन 9 दिनों में मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना कर उन्हें बल प्रदान किया। माना जाता है कि तभी से नवरात्र की शुरुआत हुई।
इन स्वरूपों की होती पूजा
मां शैलपुत्री
मां ब्रह्मचारिणी
मां चंद्रघंटा
मां कूष्मांडा
मां स्कंदमाता
मां कात्यायनी की पूजा
मां कालरात्रि की पूजा
मां सिद्धिदात्री की पूजा
मां महागौरी की पूजा
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। JAIHINDTIMES लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं।