#Shimla : जानिए जल संकट की वजह
हिमाचल प्रदेश की राजधानी #Shimla में पहली बार पानी का जबर्दस्त संकट खड़ा हो गया है. यहां 8 दिनों से पानी नहीं आ रहा है. कई जगहों पर पर्यटकों से रूम तक खाली करवाए जा रहे हैं. यहां लोग सड़कों पर उतर आए हैं. इतने सालों में पानी को लेकर शिमला में कभी हाहाकार नहीं मची तो अचानक यह संकट कैसे खड़ा हो गया आइए जानते हैं…
पांच मुख्य स्त्रोत
शिमला के पूर्व मेयर टिकेन्द्र पंवार ने इस संकट के बारे में बताया कि शिमला में पानी की सप्लाई के पांच मुख्य स्त्रोत हैं. यहां गुम्मा, गिरी, अश्विनी खाड, चुर्ता और सिओग से पानी आता है. इन सभी के पानी की क्षमता 65 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे) है, जबकि शिमला में पानी की डिमांड 45 एमएलडी है. इसके बावजूद शिमला को केवल 35 एमएलडी के पानी की सप्लाई हो पाती है और इसमें से कई एमएलडी पानी पम्पिंग और वितरण के दौरान बर्बाद हो जाता है. इससे पानी लोगों तक कम पहुंच रहा है.
स्त्रोतों में सबसे मुख्य है
- पंवार आगे बताते हैं कि शिमला के पांच पानी के स्त्रोतों में सबसे मुख्य है अश्विनी खाड.
- यहां का पानी 2005 में मल्याना में बने सीवेज ट्रीटमेंट के कारण प्रदूषित हो गया था.
- दूषित पानी की वजह से यहां लोगों को अक्सर हेपेटाइटिस हो जाता है.
- इस कारण यहां का पानी कम ही इस्तेमाल किया जाता है.
- फिलहाल यहां 203 एमएलडी पानी का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन यदि इसके पूरे पानी का इस्तेमाल किया गया तो आगे संकट गहरा सकता है.
जनसंख्या में बड़ी बढोतरी
- इसके अलावा शिमला की जनसंख्या में बड़ी बढोतरी हुई है, जो शहर झेल नहीं पा रहा है. प्राकृतिक स्त्रोत कम होते जा रहे हैं. इसके अलावा शिमला में ओवर टूरिज्म भी बड़ी दिक्कत बनकर सामने आ रही है.
- मालूम हो कि शिमला में पानी के संकट की एक बड़ी वजह है मौसम का बदलना.
- स्थानीय लोग बताते हैं कि शिमला में पहले ठंड के दिनों में कभी-कभी बारिश भी हो जाती थी, लेकिन अब तो बर्फ गिरना बेहद कम हो गया है.
- बारिश भी नहीं हो रही है. इस कारण जल स्त्रोत सूखते जा रहे हैं. शिमला में पानी की सप्लाई गिरने की सबसे बड़ी वजह यहां के गिरी और गुम्मा वॉटर स्कीम में पानी का सूखना है.
- कम बारिश और गर्मी की वजह से यहां पानी नहीं है.