Shiv Puran Katha : शिव पुराण (Shiv Puran Katha) 18 पुराणों में से एक है, जिसमें भगवान शिव की लीलाओं और कहानियों का वर्णन मिलता है। इस पुराण में शिव की महिमा को कहानियों के रूप में बताया गया है। शिव पुराण पढ़ने से बहुत लाभ मिल सकता है, लेकिन इसके कुछ आवश्यक नियमों को भी जानना चाहिए। Shiv Puran Katha
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मिलते हैं ये लाभ
शिव पुराण की कथा (Shiv Puran Katha) से संतानहीन लोगों सतांन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, पूरे परिवार को गंभीर बीमारियों से बचाया जाता है। शिव पुराण में बताया गया है कि शिव पुराण सुनने वालों को शिवलोक में जगह मिलती है। यह भी कहा जाता है कि इस कथा को सुनने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। Shiv Puran Katha
जरूर करें ये काम
शिव पुराण की कथा सुनने से पहले निश्चय करें कि आप पूरी श्रद्धा और ध्यान से कथा सुनेंगे। इसके अलावा, मन में विश्वास न होने पर व्यक्ति को पूरा लाभ नहीं मिल सकता है, इसलिए कहानी सुनते समय पूरे भक्ति भाव से सुनें। जब भी आप शिव पुराण की कथा करते हैं, अपने रिश्तेदारों को भी शामिल करें ताकि वे भी इसका लाभ उठा सकें।
ध्यान रखें ये जरूरी नियम
शिव पुराण बहुत दिनों तक चलता है। यही कारण है कि दिन में जितने समय आप कथा सुनते हैं, आपको खाना खाना चाहिए। साथ ही, पाठ पढ़ने का लक्ष्य लेने वाले व्यक्ति को पाठ पूरा होने तक एक बार ही खाना खाना चाहिए। भोजन सात्विक होना चाहिए, इस बात का ध्यान रखें। साथ ही, संकल्प लेने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना भी अनिवार्य है।
इन चीजों से करें परहेज
जितने दिनों तक आप शिव पुराण सुनते रहेंगे, उतने दिनों तक बासी भोजन, मसूर की दाल, गाजर, हींग, लहसुन, प्याज, सेम, मांस और शराब से बचना चाहिए। वरना आपको कथा का पूरा लाभ नहीं मिलेगा।
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