जबरिया जोड़ी बनाने की परंपरा को चलाने के लिए संगठित माफिया काम करता है
Jabariya Jodi : जबरिया विवाह पर सब कुशल मंगल है और अंतर्द्वंद जैसी फिल्में बन चुकी हैं। बिहार की इस कुप्रथा को कई सामाजिक तबकों में मान्यता प्राप्त है? इस तरह की शादी में कुछ बाहुबलियों को पैसे देकर लड़कों का अपहरण कर लिया जाता है और जबरदस्ती से उनकी शादी करवाई कर जाती है।
जबरिया जोड़ी बनाने की परंपरा को चलाने के लिए संगठित माफिया काम करता है। इस मुद्दे पर आधारित जबरिया जोड़ी बनाई गई है। निर्देशक प्रशांत सिंह की फिल्म की कहानी का रियलिज्म से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
जबरिया जोड़ी का माफिया चलाते हैं
बिहार के एक दबंग हुकुम सिंह (जावेद जाफरी) जबरिया जोड़ी का माफिया चलाते हैं और उसके मुताबिक यह एक समाज सेवा है जिससे दहेज से बचा जा सकता है। उसके इसी धंधे में ना चाहते हुए भी उसका बेटा अभय सिंह (सिद्धार्थ मल्होत्रा) भी आता है। दूसरी तरफ बबली यादव (परिणीति चोपड़ा) जो एक मध्यम वर्गीय परिवार की बेटी है मगर स्वभाव से दबंग है। इन दोनों की मुलाकात एक शादी के दौरान होती है और बबली अभय की तरफ आकर्षित हो जाती है। दोनों को पता पड़ता है कि एक दूसरे को बचपन से चाहते थे मगर बबली के पिता के शहर छोड़ने के बाद वो जुदा हो गए। इन दोनों के प्यार, इकरार और तकरार पर जबरिया जोड़ी आधारित है।
अभिनय की बात करें तो सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा ने बिहारी चरित्र मैं खुद को ढालने के लिए जी तोड़ कोशिश की मगर फिर भी बिहार में रहने वाले पंजाबी ज्यादा लगे। जावेद जाफरी एक समर्थ अभिनेता हैं और इस फिल्म में उनका किरदार एकदम अलग है जिसे उन्होंने पूरे सामर्थ्य से निभाया। संजय मिश्रा और नीरज सूद की जोड़ी फिल्म की बोरियत दूर करती नजर आती है। कुल मिलाकर जबरिया जोड़ी एक सामान्य फिल्म है ।