Supreme Court News: अतुल सुभाष खुदकुशी केस (Atul Subhash suicide case) ने पूरे देश को झकझोर दिया है। सुभाष (Atul Subhash case) की मौत के बाद सोशल मीडिया पर तमाम लोग आक्रोश जता रहे और आरोप लगा रहे हैं तलाक के मामलों में कई बार अदालतें मनमाने तरीके से मैंटिनेंस की रकम तय कर रही हैं। Supreme Court News
‘अदालतें परखें, कहीं पति के रिश्तेदार फंसाए तो नहीं जा रहे’
रुला देगा अतुल का सुसाइड नोट; 2 साल में मिलीं 120 तारीखें
34 साल के सुभाष बेंगलुरु में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर थे। उन्होंने मरने से पहले 24 पन्ने का नोट लिखा और 80 मिनट का वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया जिसमें उन्होंने अपना दर्द बयां किया।
अतुल सुभाष मामले पर आक्रोश के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजारा भत्ता तय करने के लिए देशभर की अदालतों को 8 सूत्रों वाला फॉर्म्युला दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि स्थायी गुजारा भत्ता की राशि पति को दंडित न करे। ये पत्नी के लिए एक सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करने के मकसद से बनाई जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की इस गाइडलाइंस के बाद ‘चाहे भीख मांगो, उधार लो या फिर चोरी करो, मैंटिनेंस तो देना ही होगा’ जैसे फैसलों पर लगाम लगने की उम्मीद है।
नाबालिग बेटा 5 दिन तक मां की लाश के साथ रहा
सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों के लिए 8 पॉइंट वाली गाइडलाइंस तय कर दी है, जिसके आधार पर उन्हें गुजारा भत्ता की रकम को तय करना होगा। कोर्ट ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि स्थायी गुजारा भत्ता की राशि पति को दंडित न करे बल्कि पत्नी के लिए एक सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई जानी चाहिए।’ वैसे तो सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2020 में ‘रजनीश बनाम नेहा’ केस में भी गुजारे भत्ते को लेकर अदालतों के लिए गाइडलाइंस तय किए थे। आइए नजर डालते हैं कि शीर्ष अदालत ने अपने ताजा फैसले में गुजारा भत्ता तय करने के लिए किन 8 पैमानों को सेट किया है।
सीजन में पहली बार शीतलहर का अलर्ट
12 साल के बच्चे को ऑनलाइन 30 हजार में खरीदा
8 पॉइंट वाली गाइडलाइंस
पति और पत्नी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति
भविष्य में पत्नी और बच्चों की बुनियादी जरूरतें
दोनों पक्षों की योग्यता और रोजगार
आय और संपत्ति के साधन
ससुराल में रहते हुए पत्नी का जीवन स्तर
क्या उसने परिवार की देखभाल के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी है?
जो पत्नी काम नहीं कर रही है, उसके लिए कानूनी लड़ाई के लिए उचित राशि
पति की आर्थिक स्थिति, उसकी कमाई और गुजारा भत्ता के साथ अन्य जिम्मेदारियां