Supreme Court on Electoral bonds : SBI को आज फिर चुनावी बॉन्ड पर सुनवाई में फटकार लगाई गई है। कोर्ट ने निर्णय देते हुए कहा कि उसने एसबीआई से चुनावी बॉन्ड से जुड़ी हर जानकारी, जिसमें चुनावी बॉन्ड नंबर भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एसबीआई को चुनिंद जानकारी का खुलासा नहीं करना चाहिए। Supreme Court on Electoral bonds
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चुनाव आयोग ने सूचना जारी करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों से मिली जानकारी को बिना सीलबंद लिफाफे खोले सुप्रीम कोर्ट में भेजा गया। 15 मार्च, 2024 को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने भौतिक प्रतियों को सीलबंद कवर में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ वापस कर दिया। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी बांड पर उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री से डिजीटल रूप में प्राप्त डेटा को आज अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।”
सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया था
चुनावी बांड राजनीतिक फंडिंग का एक प्रमुख तरीका रहा है, जो दानदाताओं को एसबीआई से खरीदे गए प्रमाणपत्रों के माध्यम से गुमनाम रूप से दान करने की अनुमति देता है। लेकिन पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस योजना को असंवैधानिक करार देते हुए यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह मतदाताओं के यह जानने के अधिकार का उल्लंघन करती है कि पार्टियों को कौन वित्तपोषण कर रहा है। वहीं एसबीआई को निर्देश दिया था कि सारा डाटा चुनाव आयोग को साझा की जाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट का पालन करते हुए चुनाव आयोग ने चुनावी बांड का डाटा सार्वजनिक कर दिया है।
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