Supreme Court On Patanjali Ayurveda : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। Supreme Court On Patanjali Ayurveda
सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ एक्शन लिया है।स्वास्थ्य संबंधित विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही पतंजलि आयुर्वेद और उसके एमडी आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस (Contempt Notice) जारी किया है और जवाब मांगा है। Supreme Court On Patanjali Ayurveda
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सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से 2022 में दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया। केस की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी।
3 हफ्ते के भीतर कंपनी ने मांगा जवाब
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका को लेकर यह आदेश जारी किया है। याचिका में आईएमए ने कंपनी पर कोविड वैक्सीन से संबंधित गलत सूचना फैलाना और गलत दवाइयों को लेकर विज्ञापनों प्रकाशित करने का आरोप लगाया है।
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कोर्ट ने कहा- पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है
जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा- पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों को ठीक कर देंगी, जबकि इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। पतंजलि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) एक्ट में बताई गई बीमारियों के इलाज का दावा करने वाले अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकती।
कोर्ट ने सरकार से पूछा- आपने पतंजलि पर क्या कार्रवाई की
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पतंजलि के विज्ञापनों के खिलाफ ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के तहत क्या कार्रवाई की गई है। केंद्र की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने कहा कि इस बारे में डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। कोर्ट ने इस जवाब पर नाराजगी जताई और कंपनी के विज्ञापनों पर नजर रखने का निर्देश दिया।
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कोर्ट के आदेश के बाद भी पतंजलि ने जारी किए विज्ञापन
आईएमए ने दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 में प्रिंट मीडिया में जारी किए गए विज्ञापनों को कोर्ट के सामने पेश किया। इसके अलावा 22 नवंबर 2023 को पतंजलि के CEO बालकृष्ण के साथ योग गुरु रामदेव की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में भी बताया।
ये प्रेस कॉन्फ्रेंस सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के ठीक एक दिन बाद की गई थी। 21 नवंबर 2023 को हुई सुनवाई में जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा था- पतंजलि को सभी भ्रामक दावों वाले विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा। कोर्ट ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगा और हर एक प्रोडक्ट के झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगा सकता है।
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इससे पहले हुई सुनवाई में तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा था, ‘बाबा रामदेव अपनी चिकित्सा प्रणाली को लोकप्रिय बना सकते हैं, लेकिन उन्हें अन्य प्रणालियों की आलोचना क्यों करनी चाहिए। हम सभी उनका सम्मान करते हैं, उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया, लेकिन उन्हें अन्य प्रणालियों की आलोचना नहीं करनी चाहिए।’