पश्चिम बंगाल और तमिलनाडू में द केरला स्टोरी (The Kerala Story) के बैन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। बैन के खिलाफ फिल्म मेकर्स ने याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा कि जब पूरे देश में फिल्म चल रही है, तो दोनों राज्यों में इसको लेकर क्या दिक्कत है। पश्चिम बंगाल ने 8 मई को फिल्म पर बैन लगाया था, जबकि तमिलनाडु में थियेटर ऑपरेटर्स ने इसे नहीं चलाने का फैसला किया है। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा- दोनों राज्यों की भौगोलिक स्थिति दूसरे राज्यों के समान ही है फिर वहां फिल्म को क्यों नहीं चलने दिया जा रहा है। ये मामला कला की स्वतंत्रता का है। ये दर्शकों के ऊपर छोड़ देना चाहिए कि वो फिल्म देखना चाहते हैं या नहीं। The Kerala Story Ban
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पश्चिम बंगाल देश से अलग नहीं
कोर्ट में बंगाल सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे डॉ.अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- राज्य को इंटेलिजेंस की तरफ से रिपोर्ट मिली थी कि फिल्म की स्क्रीनिंग हुई तो राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर समस्या आ सकती है। इस पर कोर्ट ने कहा- पश्चिम बंगाल देश से अलग नहीं है। The Kerala Story Ban
तमिलनाडु से पूछा- कानून-व्यवस्था के लिए क्या कदम उठाए
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने तमिलनाडु सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल अमित आनंद तिवारी से पूछा- आपने कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए। राज्य सरकार ये नहीं कह सकती कि हम कोई और रास्ता निकाल रहे हैं। वहां थियेटर्स पर अटैक किए जा रहे हैं, कुर्सियां जलाईं जा रही हैं। लॉ एंड ऑर्डर कायम रखना आपकी जिम्मेदारी थी। The Kerala Story Ban
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अब अगले बुधवार को होगी सुनवाई
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय की है। फिल्म की प्रोडक्शन टीम की तरफ से पैरवी कर रहे सीनियर लॉयर हरीश साल्वे ने कहा- ‘बंगाल में फिल्म को बिना किसी प्रॉब्लम के बैन कर दिया गया। वहां फिल्म रिलीज के बाद तीन दिन तक शांतिपूर्वक चली थी। यही हाल तमिलनाडु का भी है, वहां भी फिल्म पर आंशिक बैन लगा दिया गया है।