सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ रथयात्रा की इजाजत दी
#SupremeCourt : प्लेग महामारी के दौरान भी रथ यात्रा सीमित नियमों और श्रद्धालुओं के बीच हुई थी
#SupremeCourt : पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है. इससे पहले कोर्ट supreme court ने कोरोना के मद्देनजर रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट supreme court ने शर्तों के साथ रथयात्रा की इजाजत दी है। कोर्ट ने कहा कि प्लेग महामारी के दौरान भी रथ यात्रा सीमित नियमों और श्रद्धालुओं के बीच हुई थी.
तीन जजों की बेंच गठित की
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पुरी रथ यात्रा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट supreme court में कई याचिकाएं डाली गई थी. इन याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोवडे ने तीन जजों की बेंच गठित की. इस बेंच में सीजेआई एसए बोवडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी शामिल रहे.
यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए
बहस की शुरुआत करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए. किसी भी मुद्दे से समझौता नहीं किया गया है और लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है. इस पर CJI ने कहा कि UOI को रथयात्रा का संचालन क्यों करना चाहिए. मेहता ने कहा कि शंकराचार्य, पुरी के गजपति और जगन्नाथ मंदिर समिति से सलाह कर यात्रा की इजाजत दी जा सकती है. केंद्र सरकार भी यही चाहती है कि कम से कम आवश्यक लोगों के जरिए यात्रा की रस्म निभाई जा सकती है.
CJI ने क्या-क्या कहा…
- इसपर CJI ने कहा कि ”हमें पता है. ये सब माइक्रो मैनेजमेंट राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
- केंद्र की गाइडलाइन के प्रावधानों का पालन करते हुए जनस्वास्थ्य के हित मुताबिक व्यवस्था हो.’
- तुषार मेहता ने कहा, ‘गाइडलाइन के मुताबिक व्यवस्था होगी.’
- तो इसपर CJI ने उनसे सवाल किया- ‘आप कौन सी गाइडलाइन की बात कर रहे हैं?’ जिसके जवाब ने SG ने कहा कि जनता की सेहत को लेकर गाइडलाइन का पालन होगा.
अनुच्छेद 25 और 26 का सही ढंग से संतुलन होगा
एक भक्त संगठन का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन ने कहा, ‘यदि इसका लाइव टेलीकास्ट होगा लाइव हम टेलीविजन पर देखेंगे. यदि सेवायत इसे करते हैं तोे संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का सही ढंग से संतुलन होगा. इससे धार्मिक आस्था के अधिकारों का ध्यान रखा जाएगा.’
राज्य सरकार के विवेक पर छोड़ देगा
supreme court सुप्रीम कोर्ट ने कहा- वो रथ यात्रा की बारीकी में नहीं जाना चाहता. वो ये सारी चीजें राज्य सरकार के विवेक पर छोड़ देगा. CJI ने कहा, ‘हम कोई विस्तृत आदेश पारित नहीं करने जा रहे हैं. हम इसे बारीकी से प्रबंधित करने नहीं करने जा रहे हैं.’