#SupremeCourt : अभिभावकों का नाबालिग बच्चों पर अधिकार नहीं
#SupremeCourt ने उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें कहा गया था कि एक नाबालिग बच्चे पर उसके अभिभावक का अधिकार है। फैसले में कहा गया था कि नाबालिग अपने हिसाब से किसी और के साथ रहने की इच्छा जाहिर नहीं कर सकता है। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने सुनवाई में पाया कि गुजरात हाईकोर्ट की ओर से किया गया फैसला गलत है।
एक सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि यह सही नहीं हो सकता, अगर एक बार किसी नाबालिग के लिए कोई अभिभावक नियुक्त कर दिया जाए तो वह बच्चा अपने हिसाब से किसी और के साथ रहने की इच्छा नहीं जाहिर कर सकता है।
सिद्धांत के खिलाफ हैं
बेंच ने कहा कि ऐसे मामलों में बच्चे का भला सबसे जरूरी बात है। यह कैसे निर्धारित किया जा सकता है कि बच्चा अपनी इच्छा भी व्यक्त नहीं कर सकता है। एक बार जिसे अभिभावक नियुक्त कर दिया जाए। बच्चा उनकी कस्टडी में रहेगा। हम इस सिद्धांत के खिलाफ हैं।