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#SupremeCourt ने आजीवन पेंशन के खिलाफ दाखिल याचिका की खारिज
पूर्व सांसदों को मिलती रहेगी पेंशन
AGENCY
पूर्व सासंदों को आजीवन पेंशन और भत्ता देने के खिलाफ दाखिल याचिका को #SupremeCourt ने खारिज कर दिया है. सात मार्च को सासंदों को आजीवन पेंशन और भत्ता देने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने ये भी कहा कि दुनिया में किसी भी लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता कि कोर्ट नीतिगत मुद्दों पर फैसला दे.
पेंशन की जरूरत उनको नहीं है
- ये मानते हैं कि ये आदर्श हालात नहीं है लेकिन कोर्ट ऐसे फैसले नहीं कर सकता.
- केंद्र सरकार की तरफ से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में पूर्व सांसदों को आजीवन पेंशन और अलाउंस दिए जाने का समर्थन किया.
- केंद्र सरकार ने कहा कि पूर्व सासंदों को यात्रा करनी पड़ती है और देश-विदेश में जाना पड़ता है.
- वहीं लोक प्रहरी एनजीओ की तरफ से सरकार की इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि 82 प्रतिशत सांसद करोड़पति है, लिहाजा पेंशन की जरूरत उनको नहीं है.
- सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
स्थाई आयोग होना चाहिए
- आपको बता दें कि इससे पहले पूर्व सांसदों को आजीवन पेंशन दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार, चुनाव आयोग और लोकसभा-राज्यसभा के महासचिवों को नोटिस जारी किया था.
- लोकप्रहरी ने याचिका दाखिल कर कहा है कि सांसद कैसे खुद ही वेतन और भत्ता तय करते हैं।.
- इसके लिए कोई स्थाई आयोग होना चाहिए. वहीं पूर्व सासंदों और विधायकों को आजीवन पेंशन दी जा रही है, जबकि नियमों में यह शामिल नहीं है.
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