ट्वीट भले ही अप्रिय लगे, लेकिन अवमानना contempt नहीं है
#Supremecourt : ट्वीट tweet मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण Prashant Bhushan को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना है. अब सजा पर सुनवाई 20 अगस्त को होगी. इस मामले की सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण Prashant Bhushan ने कहा था कि ट्वीट भले ही अप्रिय लगे, लेकिन अवमानना contempt नहीं है.
कोर्ट की अवमानना अधिनियम की धारा 12 के तहत तय किए गए सजा के प्रावधान के मुताबिक, दोषी को छह महीने की कैद या दो हजार रुपए तक नकद जुर्माना या फिर दोनों हो सकती है. अब सजा पर बहस 20 अगस्त को होगी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट सजा सुनाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने भेजा था नोटिस
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े और चार पूर्व सीजेआई को लेकर प्रशांत भूषण की ओर से किए गए दो अलग-अलग ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना contempt की कार्रवाई शुरू की थी. सुप्रीम कोर्ट Supremecourt ने प्रशांत भूषण को नोटिस Notice भेजा था.
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नोटिस के जवाब में…
नोटिस के जवाब में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा था, ‘सीजेआई की आलोचना सुप्रीम कोर्ट Supremecourt की गरिमा को कम नहीं करता. बाइक पर सवार सीजेआई के बारे में ट्वीट tweet कोर्ट में सामान्य सुनवाई न होने को लेकर उनकी पीड़ा को दर्शाता है. इसके अलावा चार पूर्व सीजेआई को लेकर ट्वीट के पीछे मेरी सोच है, जो भले ही अप्रिय लगे, लेकिन अवमानना contempt नहीं है.’