उच्च न्यायालय (HIGH COURT) ने पुणे के दंपति से जुड़े तलाक के एक मामले में यह कहा है। बिना सबूत चरित्रहीन और शराबी कहना मानहानि है और यह क्रूरता के समान है। इसके साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने तलाक देने के पुणे फैमिली कोर्ट के आदेश को सही ठहराया और उसे बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीड ने यह आदेश 50 वर्षीय महिला की अपील को खारिज करते हुए 12 अक्टूबर को सुनाया।