ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की बारिश होती है। पारंपरिक मान्यताओं के तहत श्रद्धालु खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखते हैं। रातभर अमृत की बूंदें खीर में पड़ती हैं, जिसे श्रद्धालु सुबह ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि यह खीर ग्रहण करनेवाले को आरोग्यता व दीघार्यु की प्राप्ति होती है।