पूर्णिमा का श्राद्ध कर्म भाद्र पद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को ही किया जाता है पितृगण प्रसन्न होकर अपना शुभ आशीर्वाद एवं जीवन मे शुभ फल प्रदान करते है | परिवार में सुख शांति प्रदान करते है | जिस प्रकार पिता का कमाया हुआ धन पुत्र को प्राप्त हो जाता है उसी प्रकार पुत्र द्वारा श्राद्ध पक्ष में दिया हुआ अन्न-जल पिता को प्राप्त हो जाता है।
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Pitru paksha 2022: कहां और कैसे करें श्राद्ध, इन नियमों का पालन
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Pitru Paksha 2022: 12 साल बाद बनने जा रहा है श्राद्ध पक्ष में ये अशुभ योग, जानिए…
by ARTI PANDEYby ARTI PANDEYहिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022), भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस्या (Amavasya) तक रहते हैं। इस बार श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर से शनिवार 25 सितंबर रविवार तक रहेंगे। ज्योतिषाचार्य के अनुसार श्राद्ध (Shraddha) की तिथियों का घटना शुभ माना जाता है। लेकिन इन तिथियों का बढ़ना या पूरा होना शुभ नहीं होता।