कपूर खानदान का वो पितामाह जो थिएटर के बाहर बेचता था…
पृथ्वीराज कपूर फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआती दौर के कलाकार थे. उन्होंने इंडस्ट्री की सबसे पहली फिल्म आलम आरा में काम किया था. फिल्म में उनका सपोर्टिंग रोल था जिसमें उन्होंने अपनी अभिनय शैली का एक नमूना पेश किया था. सिर्फ फिल्म ही नहीं पृथ्वी का लगाव थियेटर की तरफ भी था. जिसने बाद में जाकर पृथ्वी थियेटर की नींव रखी. पृथ्वी के बाद इस थियेटर की जिम्मेदारी उनके छोटे बेटे शशि कपूर ने ली थी.
शशि कपूर पृथ्वी थियेटर के बेहद करीब थे. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान थियेटर से जुड़ी बातें की थीं. बता दें कि पृथ्वी थियेटर में लगभग 150 लोग काम करते थे. ये 40 वें दशक की बात है. जब बोलती फिल्मों का दौर धीरे धीरे पांव जमा रहा था. पृथ्वी थियेटर का पहला प्ले शकुंतला, साल 1944 में फिल्माया गया था.
इसके बाद कंपनी ने अपने खुद के 7 अलग-अलग प्लेज लिखे और उनका निर्देशन हुआ. इस दौरान पार्टिशन पर कुछ प्लेज बनाए गए थे. पैसा, गद्दार और कलाकार नाम के प्ले भी काफी पसंद किए गए थे.थियेटर को लेकर वे काफी डेडिकेटेड थे और इसे हर हाल में बढ़ते हुए देखना चाहते थे. वे पहले तो शो के टिकट बांटते थे इसके बाद वे थियेटर के बाहर खड़े रहते थे और आने वाले लोगों का गर्मजोशी के साथ स्वागत करते थे.
पर्सनल लाइफ की बात करें तो वह तीन साल के थे जब मां का निधन हो गया, आठ साल की उम्र में उन्होंने पहली बार स्कूली नाटक में हिस्सा लिया था. थियेटर से उनका जुड़ाव बचपन से ही था. पृथ्वी, सितंबर, 1929 को काम की तलाश में मुंबई आ गए और इंपीरियल फ़िल्म कंपनी में बिना वेतन के एक्स्ट्रा कलाकार बन गए. इसके बाद आगे का सफर तय किया.
फिल्मों की बात करें तो मुग्ले आजम फिल्म में सम्राट अखबर का किरदार कभी नहीं भूला जा सकता. इस फिल्म में उनके अभिनय की जितनी प्रशंसा हुई उतनी और किसी फिल्म में शायद ही हुई हो. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म में दिलीप कुमार और मधुबाला से पहले पृथ्वीराज कपूर का नाम लिया जाता था. इस बात से दिलीप और मधुबाला नाखुश भी हो गए थे.
29 मई, 1971 को 64 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. पृथ्वी के जाने के बाद, उनके बेटे राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर ने पिता का नाम रोशन किया. इसके बाद तो जेनरेशन बढ़ती चली गईं. ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और राजीव कपूर आए.