विनय सेठ
कौड़ीराम, गोरखपुर। पूज्य राघव ऋषि ने कथा के तृतीय दिवस सर्वोदय किसान इंटर कॉलेज, कौड़ीराम में अपार जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा | जीवन में धर्म, अर्थ, काम,मोक्ष के साथ-साथ मंत्र, ग्रन्थ, कन्त व सन्त भी होने चाहिए जिससे सर्वांगीण कल्याण व विकास मिलता है |
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सृष्टि का नियन्त्रण करने के लिए मृत्युलोक में भगवान ने अपने सात प्रत्यक्ष ग्रह रूपी पार्षदों को नियुक्त किया है जो प्रतिक्षण मनुष्य को संचालित करते है | चन्द्रमा के करीब आने पर निर्जीव जल भी ज्वार-भाटे के रूप में आन्दोलित हो जाता है तो सजीव मनुष्य क्यों नहीं होगा | सूर्य से आत्मतत्व, चन्द्रमा से मन,मंगल से सत्व रजसतत्व बुध से वाणी, बृहस्पति से प्रज्ञा व ज्ञान, शुक से धन व भौतिक संसाधन एवं शनि से सुख व दुःख नियंत्रित होता है | जिव यदि धर्म की मर्यादा में रहकर जीवन यापन करता है तो उसे सुख व अन्त में स्वर्ग में प्राप्ति होती है
कथाक्रम को आगे बढ़ाते हुए ऋषि जी ने कहा मन का विश्वास मत करो। यह बड़ा विश्वासघाती है | उसे अंकुश में रखो। आश्रम में चर्चा करते हुए ऋषि जी ने कहा कि ब्रह्मचर्य आश्रम के वृद्धि का है गृहस्थ आश्रम क्षय का है वानप्रस्थ में समय बढ़ाकर फिर से शक्ति बढ़ाने का | सन्यास आश्रम भागाकार है | वर्णाश्रम की रचना क्रमश: धीरे-धीरे जीव को ईश्वर के निकट ले जाने का सोपान है | गृहस्थ धर्म में पति-पत्नी सावधानीपूर्वक पवित्र जीवन जिएँ तो सन्यास आश्रम जैसा ही आनन्द मिल सकता है पत्नी संग, सत्संग बने | गृहस्थी तीनों आश्रम का पालन पोषण करता है | गृहस्थ आश्रम को आज्ञा दी गई है कि सत्कर्म व दान करें क्योंकि दान से धन कि वृद्धि होती है व सद्गुरु का आश्रय लेकर भगवान की भक्ति करें सतगुण की वृद्धि से प्रभु मिलन की आतुरता भी बढ़ेगी | जबतक इन्द्रियाँ सशक्त है जबतक प्रभु व सन्तों की सेवा करके शरीर-रथ को भी छोड़ देना चाहिए | अभिमान रहित होकर पति-पत्नी सत्संग करे |
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मंच का संचालन देवेंद्र गुप्ता संभाले, व्यवस्था में राजेश कसौधन। मुख्य यजमान डा. रचना राय व डा. रतन राय द्वारा सम्पन्न हुआ एवं कथा आरती हेतु कथा के मुख्य संयोजक श्री मार्कण्डेय राय, अजय राय, रामबचन राय, हरिश चंद शुक्ला, मनोज शुक्ला, अजय नाथ मिश्रा उर्फ लल्लू बाबा, अरुण कुमार राय, अजय प्रकाश सिंह,कृपाशंकर राय, संतोष तिवारी, अजय पांडे, किशन मोदनवाल, भवरनाथ राय, वीरेंद्र दुबे, अशोक राय, प्रवीण राय, अतुल राय, अनिल राय, गुड्डू रैसुधिर राय, अवनीश राय सहित अनेक गणमान्य भक्तों उपस्थित थे।
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