ARTI PANDEY
कानपुर
शासन की ई डिस्ट्रिक्ट सेवा (edistrict) की वेबसाइट दो सप्ताह बाद फिर से खुली तो लोगों को काफी राहत महसूस हुई, लेकिन जब आवेदनकर्ताओं ने अपने आवेटन खोलना चाहा तो उनकी खुशी काफूर हो गई। मेंटिनेंस की वजह से अब पोर्टल से पांच हजार से अधिक आय, जाति, निवास समेत अन्य तरह के प्रमाणपत्र ही गायब हो गए हैं। इनमें वह डाटा भी शामिल रहे जिनका प्रमाणपत्र तो बन गया है, लेकिन आवेदनकर्ता ने उसे डाउनलोड नहीं किया था। हालांकि इसे वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अबतक कामयाबी हाथ नहीं लगी है। ऐसे में शासन (Uttar Pradesh government) की लापरवाही का खामियाजा आवेदनकर्ता को भुगतना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इसको मेंटिनेंस के बाद खोली गई वेबसाइट का बैकअप पहले लिया गया, लेकिन कहां फाल्ट होगई इसकी जानकारी की जा रही है। ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर संदीप कुमार ने बताया कि वेबसाइट मेंटीनेंस के चलते प्रमाण पत्र अभी दिख नहीं रहे हैं। उसपर काम किया जा रहा है. गायब डाटा जल्द बेवसाइट पर दिखेगा.मेंटीनेंस का काम चल रहा है. जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा.
5100 से अधिक आवेदन गायब
कानपुर जिले में लगभग 1200 जनसेवा केंद्र हैं, जो ई-डिस्ट्रिक्ट द्वारा संचालित होते हैं। इनके जरिए से ही जिले आय, जाति, मूल निवास, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग प्रमाणपत्र, वारिस नामा, हैसियत प्रमाणपत्र, शादी अनुदान, परिवार रजिस्टर की नकल खसरा खतौनी आदि प्रमाणपत्र तैयार किए जाते हैं, लेकिन टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते ई-डिस्ट्रिक्ट की वेबसाइट पांच जनवरी को अचानक बंद हो गई थी। इसकी वजह से आय, जात और निवास समेत अन्य प्रमाणपत्र के छह हजार से अधिक एप्लीकेशन लटक गए। वेबसाइट पर मेंटिनेंस का काम शुरू हुआ. हाल में वेबसाइट का किसी तरह से मेंटिनेंस कर सेवा फिर से बहाल की गई। इसके बाद पता चला कि वेबसाइट पर लगभग 5100 से अधिक आवेदनों का डाटा ही गायब है।
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6103 आवेदन पेंडिंग
वेबसाइट से डाटा गायब होने पर जनसेवा केंद्र संचालकों के होश उड़ गए हैं। वो परेशान होकर तहसील के चक्कर काट रहे हैं। वहीं, आवेदनकर्ता के लिए भी मुसीबत खड़ी हो गई है। आवेदन के लटके होने की वजह से आवेदकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह आवेदक एसडीएम, तहसीलदार, लेखपाल की रिपोर्ट लगने के लिए उनकी लॉगिन में पड़े थे। वेबसाइट बंद होने के कारण नए प्रमाणपत्रों का आवेदन रुक गया और पुराने सत्यापन नहीं हो सके थे। ऐसे में केंद्र संचालक और आवेदनकर्ता तहसीलों और जन सेवा केंद्रों के चक्कर काटने पर मजबूर हैं. जबकि 6103 आवेदन पेंडिंग पड़े हैं।
2 हजार रोजाना आवेदन
ई-डिस्ट्रिक्ट पर आय, जाति, निवास, विधवा पेंशन, विकलांग प्रमाणपत्र, वारिस नामा, हैसियत प्रमाणपत्र, शादी अनुदान, परिवार रजिस्टर की नकल, खसरा खतौनी हैसियत प्रमाण पत्र, शादी अनुदान, दिव्यांग के लिए पुनर्वास लोन, दिव्यांग से विवाह पर अनुदान, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना, मुख्यमंत्री खेत खलिहान अग्निकांड दुर्घटना सहायता, अतिशबाजी विनिर्माण लाइसेंस व भंडारण लाइसेंस बनवाने का आप्शन है। बता दें कि सामान्य दिनों में वेबसाइट पर हर दिन दो हजार आवेदन आते हैं और इतनी ही संख्या में जारी भी होते हैं. इसमें आय, जाति, निवास समेत अन्य योजनाओं के आवेदन शामिल होते हैं।
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