नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
दिल का दौरा इसलिए पड़ता है कि दिल तक खून पहुंचाने वाली किसी एक या एक से अधिक धमनियों में जमे वसा के थक्के के कारण रुकावट आ जाती है। थक्के के कारण खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। खून नहीं मिलने से दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। यदि जल्दी ही खून का प्रवाह ठीक नहीं किया जाए तो दिल की मांसपेशियों की गति रूक जाती है। अधिकांश दिल के दौरे के कारण मौतें थक्के के फट जाने से होती हैं।
हार्ट अटैक से मरने वाले करीब एक तिहाई मरीज़ों को तो यह पता ही नहीं होता कि वे हृदय रोगी हैं और अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं।
साइलेंट हार्ट अटैक
- हार्ट अटैक के सभी मामलों में से 25 प्रतिशत साइलेंट हार्ट अटैक के होते हैं।
- साइलेंट हार्ट अटैक से मरीज़ की मौत हो सकती है। साइलेंट हार्ट में मरीज को हार्ट अटैक होता है और उसे पता भी नहीं चलता।
- हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई नहीं देना, मरीज़ द्वारा लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देना या फिर इन्हें समझ ही न पाना साइलेंट हार्ट अटैक के कारण हैं। साइलेंटहार्ट अटैक ज़्यादा घातक होते हैं।
- इसीलिए हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में जानना बहुत ज़रुरी है।
- कोई भी लक्षण महसूस होने पर, चाहे वो हल्का ही क्यों न हो और कुछ ही समय के लिए ही क्यों ना हो, डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए।
हार्ट अटैक आने पर आमतौर पर ये लक्षण सामने आते हैं
• पसीना आना एवं सांस फूलना।
• छाती में दर्द होना एवं सीने में ऐंठन होना।
• हाथों, कंधों, कमर या जबड़े में दर्द होना।
• मितली आना, उल्टी होना।
महिलाओं में हार्ट अटैक आने पर कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं
• त्वचा पर चिपचिपाहट, उनींदापन, सीने में जलन महसूस होना।
• असामान्य रूप से थकान होना।
अगर किसी को अचानक दिल का दौरा पड़ जाए तो पहला प्रयास यही होना चाहिये कि उसे तुरंत अस्पताल ले जाये। अगर यह तुरंत मुमकिन न हो पाए तो मरीज को हर दस सेकेंड में जोर के खांसने की कोशिश करनी चाहिए खांसने के दौरान मरीज के दिल पर दवाब पड़ता है और खून का प्रवाह दिल की ओर तेज हो जाता है। खांसने के बाद लम्बी और बहरी सांस लेनी चाहिए क्योंकि दिल की धड़कन बढ़ने और बेहोशी आने में केवल दस सेकेंड का वक्त लगता है। इस प्रकिया के द्वारा काफी राहत मिलती है।
अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें
• साइकिलिंग, वॉकिंग और हो सके तो स्वीमिंग नियमित रूप से करें।
• धूम्रपान पूरी तरह से बंद कर दें।
• अधिक वसा वाला भोजन न करें।
• अपने भोजन में कम से कम नमक का प्रयोग करें।
• रोजाना कम से कम 7 घंटे नींद लें।
• कॉफी और हाई कैफीन की चीजें न लें।
• अगर चाय पीने का मन हो तो हर्बल या ग्रीन टी ही पियें।
• रोजाना 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं।