1 अप्रैल 2018 से पूरे देश में लागू हो रहे हैं #IncomeTax के ये नए नियम
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#IncomeTax : नए वित्तीय वर्ष 2018-2019 का आगाज़ होने जा रहा है। बदलते वित्त वर्ष की तरह बहुत कुछ बदल जाएगा। आइए जानिए 1 अप्रैल से क्या-क्या बदलेगा।
मिनिमम चार्ज पर मिलेगी रहत
भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) ने मिनिमम बैलेंस चार्ज को 75 % तक कम करने की घोषणा की है. जी हां! 1 अप्रैल से आपको मिनिमम बैलेंस चार्ज पर यह बड़ी रहत मिलने वाली है, यदि आप मिनिमम बैलेंस अपने खाते में नहीं रखते हैं तो आप से कम चार्ज लिया जाएगा।
पोस्ट ऑफिस के पेमेंट बैंक भी होंगे शुरू
1 अप्रैल से पोस्ट ऑफिस पेमेंट्स बैंक्स भी शुरू होने जा रहे हैं। आपको बता दें कि अब आपको पोस्ट ऑफिस में भी बैंक की ही तरह पेटीएम और डिमांड ड्राफ्ट समेत अन्य कई सुविधाएं मिलेंगी।
मोटर बीमा प्रीमियम होगा कम
IRDAI (इंश्योरेंस रेग्युलेटर भारतीय बीमा एवं विनियामक विकास प्राधिकरण) ने थर्ड पार्टी मोटर बीमा के रेट कम कर दिए हैं। प्रीमियम की दरें 10-25 फीसदी तक कम कर दिए गए हैं। प्रीमियम की नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी।
लोन पर मिलेगा फायदा
भारतीय रिज़र्व बैंक ने लिया बड़ा फैसला, बेस रेट को एमसीएलआर से किया जाएगा लिंक। एमसीएलआर पर कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा फायदा, इसका मतलब यह है की अगर ब्याज दरों में कटौती होती है तो इसका फायदा आपको जल्द से जल्द मिलेगा।
रेल टिकेट होगा सस्ता
आपको बता दें कि ई-टिकट बुक करना अब सस्ता हो चुका है, जी हां! सरकार ने इस साल के बजट में Online टिकट बुक करने पर लगने वाले टैक्स कम कर दिए हैं।
कॉर्पोरेट टैक्स
- कॉर्पोरेट टैक्स के संदर्भ में बजट में 250 करोड़ रुपए सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए टैक्स की दर कम कर 25 प्रतिशत किया गया है।
- इस बदलाव से पूरे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को लाभ होगा।
- वर्ष 2015 में जेतली ने 4 साल में कंपनी कर को मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का वादा किया था।
- अगले साल होने वाले आम चुनाव को देखते हुए वित्त वर्ष 2018-19 का बजट एनडीए सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है।
- अगले साल लेखानुदान पेश किया जाएगा।
- चुनाव जीतकर आने वाली नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी।
इनकम टैक्स, स्टैंडर्ड डिडक्शन
- इनकम टैक्स और स्लैब को जस का तस रखते हुए बजट में वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों के लिए 40,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्सन की व्यवस्था की गई है।
- यह कटौती ट्रांसपोर्ट और मेडिकल खर्च के मामले में मौजूदा छूट के बदले दी गई है।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन की व्यवस्था को 2006-07 से समाप्त कर दिया गया था।
- फिलहाल 19,200 रुपए ट्रांसपोर्ट अलाउंस और 15,000 रुपए तक के मेडिकल खर्च पर कोई टैक्स नहीं लगता।
- इसे अब स्टैंडर्ड डिडक्शन में ही समाहित कर दिया गया है।
- स्वास्थ्य और शिक्षा सेस में वृद्धि को देखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन से टैक्स बचत काफी कम होने का अनुमान है।
इनकम टैक्स पर 4 फीसदी सेस
बजट 2018 में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर लगने वाले एजुकेशन एंड हेल्थ सेस को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया है। इसका मतलब है कि अब आपको कुल इनकम टैक्स पर अब 1 फीसदी ज्यादा यानी 4 फीसदी सेस देना होगा।