साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 14 दिसंबर 2020, सोमवार को पड़ने जा रहा है। 14 दिसंबर को अमावस्या भी है। इस दिन रात को लगने वाले इस ग्रहण को भारतीय ज्योतिष में खंडग्रास ग्रहण माना गया है।
खंडग्रास सूर्यग्रहण क्या है
जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) कहते हैं। लेकिन चंद्रमा जब आंशिक रूप से सूर्य को ढके तो इस खंड -ग्रास सूर्य ग्रहण कहते हैं। यानी 14 दिसंबर को होने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण (खंडग्रास सूर्य ग्रहण) होगा।
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सूर्य ग्रहण का समय
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय समायानुसार 14 दिसंबर को शाम 07:03 से ग्रहण शुय होगा और रात्रि 12:23 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण करीब 5 घंटे से ज्यादा लंबे वक्त तक रहेगा।
खंडग्रास सूर्य ग्रहण का असर और महत्व
वैसे तो ग्रहण एक आम खगोलीय घटना है जिसका इंसानी जीवन पर खास महत्व नहीं होता लेकिन ज्योतिषीय गणना में इसे काफी महत्वपूर्ण माना गया है। ग्रहण का असर राशियों और लोगों के भविष्य के समय पर पड़ता है। लेकिन इस बार यह भारत में दिखाई नहीं देने के कारण इसका असर नहीं होगा। सूर्यग्रहण (Surya Grahan) रात्रि में होने के कारण इसका यहां सूतक भी नहीं लगेगा और न ही किसी को विशेष सावधानियां अपनानी पड़ेंगे। अगर यह ग्रहण दिखाई देता तो गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी बड़ती लेकिन इस बार इसका असर नहीं होगा।
यहां दिखेगा ग्रहण
14 दिसंबर 2020 को पड़ने वाले ग्रहण को दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीकी देशों व प्रशांत महासागर के कुछ इलाकों में देखा जा सकेगा।
ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) को आंखों पर बिना किसी सुरक्षा के देखने से आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है. ग्रहण के दौरान अपनी आंखों पर विशेष चश्मा जरूर लगाएं. इसके अलावा आप शीशे में भी सूर्य ग्रहण देख सकते हैं. ग्रहणकाल के दौरान चाकू, छुरी जैसे तेज किनारों वाली वस्तुओं का प्रयोग ना करें. इस दौरान भोजन और पानी का सेवन करने से भी बचें. ग्रहणकाल के दौरान स्नान और पूजा ना करें ग्रहणकाल के दौरान इन कार्यों को शुभ नहीं माना जाता है. इस दौरान आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं.
सूर्य ग्रहण खत्म होने पर करे ये उपाय
ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं.
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