पांच माह का होगा चातुर्मास
चातुर्मास एक जुलाई से शुरू होगा।चातुर्मास में सृष्टि के पालनहार कहे जाने वाले भगवान विष्णु क्षीर सागर में आराम कर रहे होते हैं। इस वर्ष चातुर्मास चार नहीं बल्कि पांच माह का होगा। दो आश्विन होने से चातुर्मास में सीधे एक माह बढ़ गया।
सभी मंगल कार्य निषेध माने गए हैं
पंडित के अनुसार चातुर्मास की शुुरुआत आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से होती है। इसका समापन कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को होता है। इस दौरान यानी चार माह में विवाह संस्कार, गृह प्रवेश आदि सभी मंगल कार्य निषेध माने गए हैं। देवउठनी एकादशी के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत दोबारा फिर से हो जाती है।
यह खाने पर है रोक, ये काम हैं वर्जित
पंडित के अनुसार चातुर्मास के
- सावन में हरी सब्जी
- भादौ में दही
- आश्विन में दूध
- कार्तिक में दाल नहीं खानी चाहिए
साथ ही इस दौरान स्वेच्छा से नियमित उपयोग के पदार्थों का त्याग करने का भी विधान है। चातुर्मास में पान मसाला, सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन भी वर्जित होते हैं।
वैज्ञानिक महत्व
चातुर्मास का धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी है।
इन दिनों बारिश होने से हवा में नमी बढ़ जाती है। इस कारण बैक्टीरिया और कीड़े-मकोड़े ज्यादा हो जाते हैं।
उनकी वजह से संक्रामक रोग सहित अन्य बीमारियां होने लगती हैं।
इससे बचने के लिए इस दौरान खानपान में सावधानी रखने के साथ संतुलित जीवन शैली अपनानी चाहिए।