परफेक्ट फिगर पाने के लिए करें यह योगासन, जानिए और भी फायदे
योग से शरीर की कई बीमारियों का नाश होता है। योग न सिर्फ शारीरिक और मानसिक क्रियाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है बल्कि इससे आप कई गंभीर बीमारियों से भी बचे रहते हैं। आज हम आपको उत्तानपादासन योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं। उत्तानपादासन में उत्तान का अर्थ होता है ऊपर उठा हुआ और पाद का अर्थ है पांव। इस आसन में पैरों को ऊपर उठाया जाता है इसलिए इसे उत्तानपादासन कहते है। इस नियमित रूप से करने पर आप न सिर्फ टोंड बॉडी पा सकते हैं बल्कि इससे गैस और एसिडिटी जैसी समस्या भी दूर रहती है। तो चलिए जानते है Uttanpadasana Yoga की विधि और इससे होने वाले लाभ।
उत्तानपादासन करने का तरीका
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर मेट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब पैरों के बीच बिना दूर बनाएं उसे फैला लें। इसके बाद अपने दोनों हांथो को शरीर के समीप रखकर हथेलियों को जमीन से लगा लें। इसके बाद सांस अंदर लेते हुए पैरों को बिना मोड़ें धीरे-धीरे 30 डिग्री का कोण बनाते हुए उठाएं। अब धीरे-धीरे सांस को अंदर ले और फिर धीरे-धीरे बाहर छोड़े। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद गहरी सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाए। आप इसे अपनी क्षमता के अनुसार 3-4 बार दोहरा सकते है। अगर आपको कमर में दर्द है तो इस आसान को आप पहले एक पैर के साथ फिर दूसरे पैर के साथ कर सकते है।
उत्तानपादासन के फायदे
वजन घटाने के लिए
अगर आप तेजी से पेट की चर्बी कम करना चाहते है तो उत्तानपादासन आपके लिए बेस्ट है। नियमित रूप से इस आसन को करने पर आप टोंड बॉडी फिगर पा सकते हैं। यह न सिर्फ आपको अट्रैक्टिव फिगर देता है बल्कि आप इस योग ये वजन कंट्रोल में भी रख सकते हैं। उत्तानपादासन इतना असरदार होता है कि इसे रोजाना करने से शरीर में एब्स बनने लगते है।
दिल के रोग
यह योग दिल को स्वस्थ रखने के साथ सेहत की कई प्रॉब्लम दूर करता है और शरीर को लचीला बनाता है। इसके साथ ही इसे करने से सांस से संबंधित रोग भी दूर होते हैं।
पेट से जुड़ी समस्याएं
अगर आपको गैस, एसिडिटी और अपच जैसी प्रॉब्लम है तो इस नियमित रूप से करें। इसे सही तरीके और नियमित रूप से करने पर आपको इन समस्याओं से निजात मिल जाएगी।
पैरों में दर्द
उत्तानपादासन में पैर उठाते समय मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे पैर में होने वाली सनसनाहट और दर्द की शिकायत दूर हो जाती है। इसके अलावा इस आसन को करने से पैरों में सूजन की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है।
दुरुस्त पाचन क्रिया
इस आसन को करने से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है। यह आसन भोजन पचाने के साथ शरीर की ऊर्जा में वृद्धि भी करता है। सुबह इस आसन को करने से पूरा दिन आपके शरीर में एनर्जी बनी रहेगी।
पैरों की मजबूती
आप पैरों को मजबूत एवं सुदृढ़ बनाना चाहते हैं तो रोजाना इस योगासन को करें। सिर्फ पैर ही नहीं, यह योगासन मांसपेशियों को मजबूत बनाने और उसके निर्माण में भी मददगार होता है।
कब्ज से छुटकारा
यह आसन कब्ज से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है। इसके अलावा इससे अपच, पेट दर्द और बवासीर में भी फायदा मिलता है।
नाभि का उपचार
नाभि के उपचार एवं नाभि को सही करने के लिए यह एक बेहतरीन योगाभ्यास है। इस आसन के अभ्यास से नाभि का केंद्र संतुलित होता है। अगर नाभि अपने जगह से हट गई हो तो इसे करने से वह अपनी जगह पर आ जाएगी।
रखे ये सावधानियां
- प्रैग्नेंट महिलाओं को यह आसन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
- इस आसन को सुबह के समय या शाम को खाली पेट ही करना चाहिए।
- कमर दर्द या साइटिका से ग्रसित व्यक्ति को भी यह आसन नहीं करना चाहिए।
- अगर आपकी पेट की कोई सर्जरी हुई है तो भी इस आसन को न करें।