TRAI Rule: फर्जी एसएमएस, फर्जी स्पैम कॉल्स और लगातार तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए केंद्र सरकार नए-नए कदम उठा रही है। TRAI Rule
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इस बीच लोगों टेलिकॉम रेगुलेटरी अथारिटी ऑफ इंडिया ने लोगों को ठगी से बचाने के लिए एक नया नियम पेश किया है। TRAI की तरफ से आज से पूरे देश में ट्रेसेबिलिटी का नया नियम लागू किया जा रहा है। TRAI ने जियो (Jio), एयरटेल(Airtel), वोडाफोन आइडिया (Vi) और बीएसएनएल (BSNL) को इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं।
TRAI के नए ट्रेसेबिलिटी नियम के लागू किए जाने के बाद मोबाइल यूजर्स को आने वाले OTP मैसेज को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। अगर साफ शब्दों में आपको समझाएं तो अब अगर किसी ओटीटी (OTT) के जरिए आपके साथ फ्रॉड होता है तो टेलिकॉम कंपनियां उस ओटीपी मैसेज का सोर्स पता लगा सकेंगी। ट्राई की मानें तो इससे साइबर फ्रॉड पर रोक लगाने में बड़ी मदद मिल सकती है।
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क्या है ट्राई का नया नियम?
Traceability से जुड़े दिशा-निर्देशों के अनुसार टेलीकॉम ऑपरेटरों और मैसेज सर्विस ऑपरेटर्स को हर मैसेज के ऑरिजिन और ऑथंटिसिटी को वेरिफाई करना होगा। यह डिस्ट्रीब्यूटर लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) ढांचे का हिस्सा है, जिसे स्पैम से निपटने और संदेश ट्रेसबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए पेश किया गया था।
नए नियम के तहत बिजनेस को अपने हेडर (सेंडर आईडी) और टेम्पलेट्स को दूरसंचार ऑपरेटर्स के साथ रजिस्टर करना होगा। अगर कोई मैसेज प्री-रजिस्ट्रड फॉर्मेट से मेल नहीं खाता है, तो उसे यूजर के पास पहुंचने से पहले ही ब्लॉक कर दिया जाएगा।
आज से बदल रहे जरूरी नियम
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वह एक दिसंबर से प्रभावी रूप से ट्रेसबिलिटी नियम को लागू करें। ताकि संदिग्ध OTP पर लगाम लगाई जा सके। ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड से हैकर्स को डिवाइस का एक्सेस मिल जाता है, जिससे उन्हें ठगी करने में आसानी होती है। ऐसे में ट्राई की कोशिश है कि सभी कंपनियां संदिग्ध ओटीपी की जांच करें और जरूरत पड़ने पर उन्हें ब्लॉक करें।
नए निर्देश का OTP डिलीवरी पर फर्क
डिजिटल लेनदेन, ऑथंटिकेशन और सिक्योर लॉगिन के लिए OTP बहुत जरूरी है। नए नियमों के अनुसार, सर्विस ऑपरेटर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि OTP मैसेज रजिस्टर्ड टेम्प्लेट और हेडर के अनुरूप हों। अगर उसका फॉर्मेट अलग लगे तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दिया जाए। TRAI ने जनता को आश्वस्त करने के लिए एक अपडेट जारी किया है कि 1 दिसंबर से जरूरी नेट बैंकिंग और आधार OTP मैसेज की डिलीवरी में कोई देरी नहीं होगी।
सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे गलत जानकारियों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्राई ने साफ तौर पर कहा है कि मैसेज की समय पर डिलीवरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि मैसेज की ट्रेसबिलिटी में सुधार लाने के उद्देश्य से नए नियम बनाए गए हैं।