9 अप्रैल 2021 को अप्रैल माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है। यह पावन व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से महादेव और माता पार्वती का आर्शीवाद प्राप्त होता है। हर माह में दो बार त्रयोदशी तिथि पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। ऐसा भी कहा जाता है कि प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में ही महादेव की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। प्रदोष काल (Pradosh Vrat) में महादेव की पूजा करने से सभी देवी- देवताओं का आर्शीवाद प्राप्त हो जाता है।
UTTARPRADESHNEWS : जहरीली शराब पीने से पांच की मौत, यह अधिकारी संस्पेंड #UTTARPRADESH : जहरीली शराब पीने से 4 की मौत, जिला आबकारी अधिकारी, SO समेत 7 निलंबित उत्तर प्रदेश में फिर से #LOCKDOWN लगाने की योजना ! #UTTARPRADESHNEWS : दो दिनों में 10 हत्याओं से थर्राया पूर्वांचल #KANPUR : ताऊ ने मासूम को बनाया हवस का शिकार #CHAITRANAVRATRI : इन फूलों से प्रसन्न होती मां हैं…
आज हम आपको बताएंगे त्रयोदशी तिथि पर ही प्रदोष व्रत क्यों किया जाता है और प्रदोष काल में महादेव की पूजा करने का इतना अधिक महत्व क्यों होता है।
त्रयोदशी तिथि के दिन ही महादेव ने विष पिया था
धार्मिक पुराणों के अनुसार महादेव ने त्रयोदशी तिथि के दिन ही समुद्र मंथन से निकले विष को पिया था। जिस समय महादेव विष को ग्रहण कर रहे थे उस समय प्रदोष काल था। सभी देवताओं ने प्रदोष काल में महादेव की स्तुति की। महादेव ने देवताओं की स्तुति से प्रसन्न होकर तांडव भी किया था। तभी से त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में महादेव का पूजन करने की परंपरा चली आ रही है।
#UTTARPRADESHNEWS : महामारी अधिनियम अब 30 जून तक प्रभावी, अधिसूचना जारी भारत के सभी टोल प्लाजा पर पत्रकारों को टोल टैक्स पर मिलेगी छूट ! दिल्ली में 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यूक्या है अप्रैल फूल डे और कैसे हुई थी शुरुआत? #SONBHADRANEWS : डाला के लक्ष्मणनगर में बनेगा ओबरा तहसील का मुख्याल SARA ALI KHAN की सिंडरेला लुक, तस्वीरें… जानें, कब से शुरू हो रही है CHAITRA NAVRATRI, किस दिन होती है मां के किस स्वरूप की पूजा
प्रदोष काल
सूर्यास्त से डेढ़ घंटे तक के समय को प्रदोष काल माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष काल में महादेव की पूजा- अर्चना करने से महादेव सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।