Tulsi Puja Niyam : सनातन धर्म में कई पेड़-पौधे का किसी न किसी देवी-देवता से संबंध है। ठीक इसी प्रकार, जगत के पालनहार भगवान विष्णु को तुलसी का पौधा प्रिय है और इसमें मां लक्ष्मी का निवास माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जातक को तुलसी की पूजा करने और दीपक जलाने से धन मिलता है और घर में खुशी आती है। सकारात्मक ऊर्जा भी रहती है। Tulsi Puja Niyam
गुलाब के फूल से करें ये आसान उपाय
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन करें ये खास उपाय, दूर होंगी
विश्व प्रसिद्ध है महाकाल की भस्म आरती, जानें
इस दिन न करें तुलसी की पूजा
वैसे तो नियमित रूप से तुलसी की पूजा और जल देने का विधान है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं की मानें तो मंगलवार, रविवार और एकादशी पर तुलसी के पौधे में जल देने की मनाही है। साथ ही इसकी पूजा भी नहीं करनी चाहिए। पौराणिक मान्यताओं की मानें तो रविवार और एकादशी पर मां लक्ष्मी श्री हरि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल देने से व्रत खंडित होता है। इसी वजह से इन दोनों दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का आगमन होता है। इसके अलावा मंगलवार को तुलसी में जल अर्पित करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं।
माला जाप में क्यों नहीं किया जाता तर्जनी उंगली का उपयोग?
किस कारण भगवान श्री कृष्ण का नाम पड़ा लड्डू गोपाल? कथा
इस दिन लगाएं तुलसी का पौधा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, घर में तुलसी के पौधे को लगाने के लिए गुरुवार और शुक्रवार का दिन उत्तम माना गया है। इस दिन तुलसी लगाने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
इस दिन न तोड़ें तुलसी के पत्ते
द्वादशी, चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्तों को नहीं तोडना चाहिए।क्योंकि इन तिथियों पर तुलसी जी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए इन तिथियों पर तुलसी दल नहीं तोड़ने चाहिए।
जानिए, क्यों इतना पूजनीय है बड़ा मंगल? पौराणिक कथा
इन शुभ योग में मनाया जाएगा सावन का पहला सोमवार
अस्वीकरण: ”इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। JAIHINDTIMES यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं।