RAHUL PANDEY
लखनऊ : योगी राज में 1318 लोगों की हिरासत में मौत हुई है। कस्टडी में मौत के मामलेे में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) नंबर वन है। इसमें अधिकतर पिछड़े, दलित और हिंंदू परिवारों के बच्चे हैं। प्रदेश भर में घूम-घूमकर हिंदू-मुस्लिम का जहर बोने वाले मुख्यमंत्री को पुलिस हिरासत में एक के बाद एक हो रही हत्याओं पर जवाब देना चाहिए। ये बातें बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पार्टी कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं।
#कानपुर में युवक की मौत, घरवाले बोले- पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला कानपुर में पुलिस पिटाई से युवक की मौत पर AAP सांसद संजय सिंह बोले… #KANPURNEWS : पुलिस की पिटाई से नहीं बीमारी से मरा था युवक, घरवाले भी…
उन्होंने कानपुर (KANPUR) में पुलिस की पिटाई से हुई जितेंद्र उर्फ कल्लू की मौत पर सवाल उठाते हुए योगी राज में पुलिस हिरासत में हुई मौतों के मामले गिना डाले। सांसद संजय सिंह ने कहा कि 18 फरवरी, 2020 को देवे सिंंह कुशवाहा की ललितपुर जिले में थाने के अंदर मार दिया गया। 21 फरवरी, 2020 को विवेक कुमार वर्मा को लखीमपुर खीरी में थाने के अंदर मार दिया गया। 10 मार्च, 2020 को सितार सिंह को सहारनपुर में थाने के अंदर पीटकर मार दिया गया। अनिल कुमार को 20 मार्च 2020 को कन्नौज में इसी तरह से मार दिया गया। मिठाई लाल को 13 जून, 2020 को प्रतापगढ़ में थाने के अंदर मार दिया गया। दलित समाज के 19 वर्षीय मोहित कुमार को 29 अगस्त 2020 को रायबरेली के लालगंज थाने में पीटकर मार दिया गया। श्रावस्ती के वाजिद अली की इसी तरह चार सितंबर 2020 को थाने के अंदर मार दिया गया। शमसेर को गाजियाबाद में इसी तरह से मार दिया गया।
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सूरज पांडेय 12 नवंबर 2020 को उन्नाव सीताराम यादव को बदायूं में इसी तरह से सोमदत्त खुर्जा बुलंदशहर में मार दिया गया। अभिषेक को मऊ में इसी तरह मारा गया। 22 वर्षीय रोशनलाल को लखीमपुर खीरी में 21 मार्च 2020 इसी तरह से मार दिया गया। भीषम चौधरी की जालौन में, तो पिंंटू दिवाकर की फिरोजाबाद में इसी तरह से हत्या हुई। 12वीं में पढ़ने वाले प्रभात तिवारी की इसी तरह से सीतापुर में थाने के अंदर पीटकर मार दिया गया। पिछले तीन साल में यूपी में 1318 लोगों की मौत थाने, जेल और पुलिस हिरासत केे अंदर कर दी गई। आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो कस्टडी में हुई इन मौतों की सीबीआई से जांच कराई जाएगी। इनके हत्यारों को जेल भेजा जाएगा। लगातार यूपी में ऐसी घटनाएं हो रही हैं। ये सरकार द्वारा प्रायोजित ठोको नीति का नतीजा है। कानपुर के जितेंद्र की मौत के मामले में जो लोग शामिल हैं, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा जाए। ऐसी मौतों की सीबीआई जांच कराई जाए। संजय सिंह ने कहा कि इस सरकार में कानून का राज नहीं रहा। यह सरकार संविधान से नहीं चल रही। खुद मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनकी सरकार ठोको नीति पर चल रही है। इसी ठोको नीति का नया शिकार कासगंज कोतवाली में मारा गया अल्ताफ है। इसी नीति के तहत किशोर प्रभात मिश्रा पर गोलियांं बरसाकर मौत के घाट उतार दिया गया। ठोको नीति पर काम करने वाली योगी जी की पुलिस द्वारा अपनी हत्या का अंदेशा जताने के बाद भी आइपीएस पाटीदार ने उन्हें जान से मरवा दिया। मनीष गुप्ता से लेकर अरुण वाल्मीकि तक योगी की इसी ठोको नीति का शिकार हैं।
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चुनाव के पहले पैदल हुए योगी
संजय सिंह ने पूर्वांचल एक्सप्रेस के लोकार्पण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गाड़ी के पीछे योगी आदित्यनाथ के पैदल चलने पर तंज किया। कहा कि योगी आदित्यनाथ से मेरे व्यक्तिगत मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वह देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हैं। उन्हें ऐसे हाल में देखना अच्छा नहीं लगता। प्रधानमंत्री ने चुनाव से पहले उन्हें सड़क पर पैदल छोड़ दिया तो चुनाव में क्या हश्र उनका होने वाला है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
पीएम को सुनने नहीं आ रहे लोग, जनता के पैसे से जुटा रहे भीड़
सांसद संजय सिंंह ने सुलतानपुर के जिलाधिकारी के उस पत्र को लेकर सरकार पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने पीएम की रैली में भीड़ जुटाने के लिए दो हजार बसों की मांग की थी। संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री को सुनने के लिए अब लोग नहीं आ रहे। ऐसे में यूपी सरकार को जनता का पैसा खर्च करके रैली के लिए भीड़ जुटानी पड़ रही है। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर किस हक से जनता के पैसे को भाजपा अपने चुनाव प्रचार के लिए फूंक रही है। सरकारी पैसे से, जनता के टैक्स के पैसे से जिससे स्कूल अस्पताल बनने चाहिए उस पैसे का आपने किस हक से भीड़ जुटाने पर खर्च किया। अब महोबा के जिलाधिकारी भी सोलह सौ से ज्यादा बसें इसी तरह से लगा रहे हैं। वहां प्रधानमंत्री उसी योजना का शुभारंभ करने आ रहे हैं, जिसमेें हजारों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का हमने खुलासा किया था। इसमें लोकायुक्त की ओर से नोटिस भी जारी है। चालीस लाख रुपये आजमगढ़ में अमित शाह की रैली के लिए इसी तरह से खर्च किया गया। यह जनता का पैसा है, इसे इस तरह से अपनी रैलियों में लुटाने का हक आखिर पीएम और सीएम को किसने दे दिया। भाजपा पूंजीपतियों की पार्टी है, अगर वह पूरी तरह से कंगाल हो गई है तो उसे चंदा ले लेना चाहिए, लेकिन इस तरह से जनता का पैसा फूंकना ठीक नहीं है।
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पिछली सरकार की योजनाओं का फीता काट रही योगी सरकार
एक सवाल के जवाब में सांसद संजय सिंंह ने योगी सरकार पर पिछली सरकार की योजनाओं का फीता काटने का आरोप लगाया। कहा कि जिस तरह से स्कूलों में बच्चों को नमक रोटी खानी पड़ रही है, कानून व्यवस्था बदहाल है, बेरोजगारों को रोजगार मांगने पर लाठियां मिल रही हैं, कोरोना काल में चील कौओं ने लोगों की लाशों को नोचा उसे यूपी की जनता भूलने वाली नहीं है। योगी सरकार कितना भी फीता काट ले, अब यह उसकी विदाई का वक्त है।