Uttar Pradesh Mitra Police : झांसी में गेस्ट हाउस का बंद ताला खुलवाने के लिए पुलिस 72 साल के बुजुर्ग बिजनेसमैन को उनके घर से उठाकर ले गई। गेस्ट हाउस पहुंचने पर उनकी हालत अचानक बिगड़ गई। Uttar Pradesh Mitra Police
DM RAKESH KUMAR SINGH IS STRICT
उल्टी हाेने के बाद वह बेसुध हो गए। यह देख पुलिस के हाथ-पैर फूल गए और परिजनों को बुला लिया। उनको मोंठ CHC ले गए। वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। यहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत से परिजन गुस्सा गए और मौत का जिम्मेदार पुलिस को ठहराते हुए हंगामा कर दिया। परिजन शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराना चाहते थे। 3 घंटे चले हंगामे के बाद परिजन मान गए। पूरा मामला समथर कस्बे का है।
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एसपी ग्रामीण गोपीनाथ सोनी का कहना है कि पुलिस को गेस्ट हाउस के अंदर कुछ लोगों के बंद होने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस बिजनेसमैन को घर से ताला खुलवाने के लिए लाई थी। गर्मी अधिक होने की वजह से ओम प्रकाश की तबीयत खराब हो गई। तब उनको मोंठ अस्पताल ले गए। वहां से झांसी रेफर कर दिया। झांसी आते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई।
बकाया रकम न देने पर हुआ विवाद
मृतक का नाम ओम प्रकाश अग्रवाल (72) था। वह समथर कस्बे के चोपड़ा बाजार में रहते थे। मृतक के बेटे संतोष अग्रवाल ने बताया- एक समाज के लोगों ने शनिवार को सामूहिक विवाह समारोह के लिए गेस्ट हाउस बुक कराया था। 44 हजार रुपए में बुकिंग हुई थी। 18 हजार की पेमेंट हो चुकी थी। शनिवार शाम 6 बजे कार्यक्रम खत्म हुआ, तो पिता ने बकाया पैसा मांगा। तब लोगों ने पैसा देने से मना कर दिया। इससे नाराज ओम प्रकाश ने गेस्ट हाउस के बाहर ताला लगा दिया और घर चले गए। उस समय गेस्ट हाउस के अंदर 20 से ज्यादा लोग मौजूद थे।
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पिता को घसीटते हुए ले गए
संतोष अग्रवाल ने बताया- गेस्ट हाउस के अंदर बंद लोगों ने हंगामा करते हुए समथर पुलिस को सूचना दे दी। शनिवार शाम 7 बजे समथर थानाध्यक्ष अजमेर सिंह भदौरिया पुलिस फोर्स के साथ मेरे घर पहुंचे और पिता को घसीटते हुए ले गए।
पुलिस बिजनेसमैन को लेकर सीधे गेस्ट हाउस पहुंची। गेट खोलते ही उनको उल्टी होने लगी और पूरा शरीर पसीने से भीग गया। लड़खड़ाकर गिर पड़े। उनकी तबीयत बिगड़ते देख रात 8 बजे उनके बेटे संतोष को सूचना दी गई।
ओम प्रकाश को मोंठ सीएचसी ले जाया गया। परिजन उन्हें मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां उपचार न होने पर उनको लेकर निजी अस्पताल चले गए। लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। पुलिस कस्टडी में करीब एक घंटे के अंदर उनकी मौत हो गई।
हंगामे के चलते पहुंची 6 थानों की फोर्स
उनकी मौत से परिवार के लोग गुस्सा गए। परिजनों समेत उनके कई रिश्तेदार भी पहुंच गए। सभी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। सूचना मिलने पर SP आरए गोपीनाथ सोनी, CO सिटी राजेश राय, नवाबाद, बड़ागांव, चिरगांव समेत 6 थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई।
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पत्नी बोली- पुलिस वालों ने ले ली मेरे पति की जान
बिजनेसमैन की पत्नी ने ऊषा देवी ने कहा कि पति गेस्ट हाउस से आकर घर में बैठे थे, तभी कई पुलिसकर्मी धड़धड़ाते हुए घर में घुस आए। कोई कुछ भी नहीं समझ सका। पुलिस वाले मेरे पति का हाथ पकड़कर घसीटते हुए ले जा रहे थे।
हम लोगों ने पूछा, लेकिन पुलिस के लोग गाली दे रहे थे। उनको पीछे से कुछ पुलिसकर्मी धक्का भी दे रहे थे। पुलिस के व्यवहार से उनको सदमा लगा। इसी वजह से उनकी जान चली गई। पुलिस वालों ने मेरे पति की जान ले ली।