UTTAR PRADESH NEWS : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज (Jhansi Medical College) की एक वीडियो ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।
इसमें दो मां अपने-अपने मासूम बच्चियों को गोद में लिए हैं। उनके मुंह में ऑक्सीजन लगा हुआ है। ऑक्सीजन सिलेंडर एक बच्ची का पिता कभी अपने कंधे पर तो कभी गोद में उठाए चल रहा है। दरअसल, दोनों बच्चियों को इमरजेंसी वार्ड से एक्स-रे जांच के लिए भेजा गया था।
मेडिकल कॉलेज में पहली बार योग की क्लास, प्राचार्य डॉ. संजय काला बोले – स्टूडेंट्स में तनाव अधिक
आग लगने से परिवार के सात लोगों की मौत, तीन बच्चे भी शामिल
मगर, उनको न तो स्ट्रैचर दिया गया और न ही कोई कर्मचारी उनके साथ जांच कराने गया। वे इस हाल में लगभग एक घंटे तक जांच के लिए भटकते रहे और मासूम बच्चे तड़पते रहे। अब मेडिकल प्रशासन वार्ड बॉय की गलती बताते हुए पल्ला झाड़ रहा है।
इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हुए थे दोनों बच्चे
बरेली के मोहम्मद याकूब ने बताया- मैं परिवार के साथ किला के पास रहता हूं। करतब दिखाता हूं। मेरी 3 माह की बेटी शिफा को कुछ दिन से खांसी आ रही थी। तबीयत बिगड़ने पर शनिवार सुबह मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में ले गया।
अस्पतालों, होटलों, फैक्ट्रियों को भूगर्भ जल विभाग ने जारी किया नोटिस
उर्सला अस्पताल, सेन और डीएवी कॉलेज नजूल भूमि पर, प्रशासन ने सूची शासन को भेजी
वहां शिफा को एडमिट कर लिया। पास में ही एक महिला दया देवी की 3 माह की बेटी आराध्या भर्ती थी। दोनों बच्चियों को ऑक्सीजन नली लगाई गई थी। डॉक्टर ने दोनों बच्चियों की एक्स-रे जांच कराकर लाने के लिए कहा। स्टाफ ने कहा पैदल ले जाओ और जांच कराकर लाओ।
Tirupati Laddu Case : Supreme Court ने जांच के लिए SIT गठित करने का दिया आदेश
Supreme Court : जाति के आधार पर काम देना अनुचित
पता ही नहीं था, कहां होते हैं एक्स-रे
याकूब ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड से स्ट्रैचर भी नहीं मिला। न ही कोई कर्मचारी साथ चलने को तैयार हुआ। रास्ता बता दिया और कहा पैदल ले जाओ। एक ऑक्सीजन सिलेंडर से दोनों को ऑक्सीजन लगा दी। जब मदद नहीं मिली तो मैंने सिलेंडर को अपने गोद में उठा लिया। वहीं, मेरी बेटी को पत्नी ने गोद में ले लिया और आराध्या को उसकी मां दया देवी ने गोद ले लिया।
Elvish Yadav और कॉमेडियन Bharti Singh समेत 5 को समन
हम लगभग एक घंटे तक एक्स-रे के लिए भटकते रहे। मगर किसी ने कोई मदद नहीं की। हमें स्ट्रैचर मिल जाता और डॉक्टर कर्मचारी को भेज देता तो कोई दिक्कत नहीं होती। ज्यादा कुछ कहो तो स्टाफ उल्टा सीधा बोलता है।
सीएमएस बोले- वार्ड बॉय की गलती है
मेडिकल कॉलेज के CMS डॉ. सचिन माहौर का कहना कि पूरा मामला संज्ञान है। इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर तीमारदार को ही दे दिया गया। ये बहुत गलत है, जिस वार्ड बॉय की ड्यूटी थी, उस पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है। हमारे पास स्ट्रैचर की कोई कमी नहीं है। सीधे तौर पर वार्ड बॉय की लापरवाही की है। उस पर कार्रवाई की जाएगी।
समाजवादी पार्टी का X सोशल मीडिया पर पोस्ट
इसको लेकर समाजवादी पार्टी ने X सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि बीजेपी सरकार में दम तोड़ चुकी है यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था! झांसी मेडिकल कॉलेज में एक सिलेंडर से दो बच्चों को दी जा रही ऑक्सीजन, स्ट्रेचर ना मिलने के कारण सिलेंडर को गोद में उठाकर चलने को मजबूर हुआ पिता। प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट, फिर भी खुद को नंबर वन बता रहे मुख्यमंत्री।